देहरादून । उत्तराखंड में आयुष इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए राज्य की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है । असल में पहाड़ों में आयुष इंडस्ट्री लगाने वालों और औद्योगिक विकास योजना और एमएसएमई नीति के तहत इस क्षेत्र में निवेश करने वालों को सरकार की तरफ से जहां वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा , वहीं राज्य का आयुष विभाग निवेशकों को अधिकतम डेढ़ करोड़ तक की अतिरिक्त सब्सिडी भी देगा। सरकार का माना है कि उनकी इन कोशिशों के चलते राज्य की आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को एक पहचान मिलेगी।
विदित हो कि रावत सरकार ने राज्य में MSME के तहत क्षेत्र में निवेश करने वालों को 4 श्रेणियों में बांटा है । इन श्रेणियों के हिसाब से मशीनरी लगाने के लिए अनुदान राशि व ब्याज दरों में छूट का प्रावधान है । इनमें से ‘ए’ श्रेणी के जिलों में छोटे उद्योग लगाने पर मशीनरी के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी और ब्याज दर में 10 प्रतिशत तक की छूट है । वहीं ‘बी’ श्रेणी में 35 प्रतिशत, ‘सी’ श्रेणी में 25 प्रतिशत और ‘डी’ श्रेणी में 15 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।
इसमें A श्रेणी में पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर जिले को रखा गया है । वहीं B श्रेणी में पौड़ी गढ़वाल, टिहरी, नैनीताल, देहरादून जिला के पर्वतीय विकासखंड को रखा गया है । इसी बीच एक B प्लस श्रेणी भी रखी गई है , जिसमें पौड़ी जिला के कोटद्वार, सिगड्डी, टिहरी के ढालवाला, मुनी की रेती, तपोवन नैनीताल का कोटाबाग व देहरादून का कालसी ब्लाक रखा गया है । इसी क्रम में C श्रेणी में रायपुर, सहसपुर, विकासनगर, डोईवाला, रामनगर व हल्द्वानी विकासखंड है । वहीं D श्रेणी में हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर जिला, देहरादून व नैनीताल जिला को रखा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार , उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार राज्य के पर्वतीय क्षेत्र में आयुष सेक्टर में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए वेलनेस सेंटर, पंचकर्मा, आयुष फार्मास्युटिकल पर ध्यान केंद्रित कर रही है । सरकार ने इस सब के नजर अपनी आयुष नीति बनाई है । इस नीति के तहत पहाड़ों में वेलनेस सेंटर, रिजार्ट, फार्मास्युटिकल और पंचकर्मा में निवेश करने पर निवेशकों को अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी।
इस बारे में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पिछले दिनों देहरादून में हुए इनवेस्टर्स समिट में आयुष सेक्टर को लेकर 1751 करोड़ के निवेश प्रस्ताव पर एमओयू हस्ताक्षर हुए थे। लेकिन अभी तक इसमें से सिर्फ 250 करोड़ के निवेश को लेकर ही गतिविधियाएं सक्रिय हुई हैं । इसके तहत राज्य के मसूरी और रामनगर में वेलनेस रिजार्ट बनाए जा रहे हैं।