हरिद्वार। फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी के मामले में हरिद्वार में एक नया मोड़ आया है। अब वहां के तहसील प्रशासन ने एसआईटी से कुछ दिनों की मोहलत मांगी है। तहसील प्रशासन को शिक्षकों द्वारा जमा किए गए शपथ पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र ढूंढ़ने से नहीं मिल रहे हैं। बता दें कि एसआईटी ने सिर्फ हरिद्वार में ही ऐसे 30 शिक्षकों को पकड़ा है जिनके मूल निवास, स्थायी और अस्थायी निवास, जाति प्रमाण पत्र फर्जी होने का संदेह जताया गया है। अब एसआईटी ने तहसील से इसे सत्यापन कराने को भेजे हैं।
नहीं मिल रहे प्रमाण पत्र
गौरतलब है कि उत्तराखंड में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सैंकड़ों शिक्षकों को नौकरियां दी गई हैं। सरकार द्वारा इसकी जांच एसआईटी से कराने के आदेश के बाद बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। ताजा मामले में हरिद्वार में महसील प्रशासन को शिक्षकों के प्रमाण पत्र ही नहीं मिल रहे हैं, जिनके मिले हैं उनका पता दिए गए पते से मेल नहीं खा रहा है। अब तहसीन प्रशासन ने एसआईटी से समय मांगा है। एसआईटी प्रभारी एएसपी श्वेता चौबे ने बताया कि शपथ पत्र पर प्रमाण पत्र जारी हुए हैं। सही पता मिलने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
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विशिष्ट बीटीसी शिक्षक देंगे गिरफ्तारियां
आपको बता दें कि दूसरी तरफ विशिष्ट बीटीसी वाले शिक्षकों ने अपना विरोध और तेज कर दिया है। शिक्षक संघ 7 दिसंबर से गैरसैंण में होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करने का ऐलान कर दिया है। उनका कहना है कि वे गैरसैंण में गिरफ्तारियां देंगे।