देहरादून। राज्य के विभिन्न सरकारी स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे प्राथमिक और जूनियर शिक्षकों के लिए बेहद ही अच्छी खबर है। साल 2001 से पहले तैनात हुए शिक्षकों को डीएलएड की अनिवार्यता से छूट दे दी गई है हालांकि निजी स्कूलों के अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए इस कोर्स को करना अनिवार्य ही रहेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से इसकी स्वीकृति मिलते ही राज्य सरकार इसके लिए शासनादेश जारी कर देगी।
कोर्स करना अनिवार्य
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी सरकारी और गैरसरकारी स्कूलों में सेवारत अप्रशिक्षित शिक्षकों की सेवाएं 31 मार्च 2019 से खत्म करने के निर्देश दिए थे। इस खबर के बाद से ही स्कूलों में हड़कंप मच गया था। केन्द्र के इस निर्देश के बाद सभी स्कूलों से ऐसे शिक्षकों की सूची मांगी गई थी। साथ ही विभाग ने ऐसे शिक्षकों को अवसर प्रदान करते हुए प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षण के लिए डीएलडी की अनिवार्यता करते हुए तय समयावधि के बीच संबंधित कोर्स करने की हिदायत भी दी थी।
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विभाग नरमी बरतने के मूड में
आपको बता दें कि शिक्षा विभाग राज्य में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिथिलता बरतने के मूड में है लेकिन इस पर फैसला मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश के बाद ही लिया जा सकता है। माना जा रहा है कि मंत्रलय के ग्रीन सिग्नल के बाद सरकार स्कूलों में साल 2001 से पहले से नियुक्त शिक्षकों को इस नियम से छूट प्रदान कर दी जाएगी। यहां यह भी जानना जरूरी है कि विभाजन से पहले यानी कि उत्तरप्रदेश के समय में बड़ी संख्या में प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में में सीधे बीएड, मृतक आश्रित, बीपीएड, सीपीएड, मौलवी उर्दू, एलटी प्रशिक्षितों की नियुक्ति हुई थी। हालत यह है कि अभी प्रदेश में उत्तरप्रदेश के समय नियुक्त हुए अप्रशिक्षित शिक्षक-शिक्षिकाओं की संख्या करीब चार हजार है।
जल्द जारी होंगे शासनादेश
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अब इन शिक्षकों के लिए डीएलएड का कोर्स अनिवार्य किया तो स्कूलों में प्रशिक्षण में छूट देने की मांग उठने लगी। मामले के मंत्रालय तक पहुंचने के बाद इसका निस्तारण किया गया। मंत्रालय ने कहा कि 03 सितंबर 2001 से पूर्व के शिक्षक डीएलएड प्रशिक्षण से मुक्त होंगे। इधर, शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि वर्ष 1996 में सीधे बीएड के अलावा बीपीएड और अन्य कोर्स करने वालों को तत्कालीन सरकार ने छूट देकर स्कूलों में नियुक्ति दे दी थी लेकिन 3 सितंबर 2001 से पहले स्कूलों में नियुक्ति पाने वालों के लिए डीएलएड की अनिवार्यता नहीं होगी। कुंवर ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश के बाद इसको लेकर एक दो दिन में आदेश जारी कर दिए जाएंगे।