देहरादून। राज्य के सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों को अब गैरहाजिर रहना या देर से आना महंगा पड़ सकता है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए तकनीक का सहारा लिया है और इसके लिए एक एप विकसित किया गया है। अब शिक्षकों को रियल टाइम अटेंडेंस (आरटीए) के लिए स्कूल में आने और जाने के समय इस एप पर अपनी सेल्फी अपलोड करनी होगी। सरकार का मानना है कि इस तरीके से शिक्षकों की लापरवाही और देर से आने की आदत पर भी लगाम लगेगी।
एप से शिक्षकों पर नजर
गौरतलब है कि स्कूली शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि इस एप को वर्तमान में चल रहे उज्ज्वल एप से इसे जोड़ा गया है और इसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से विभाग में पारदर्शिता आएगी और सभी स्कूला में बायोमीट्रिक मशीन लगाने का खर्चा भी बचेगा। इससे स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों पर अंकुश लगेगा। सेल्फी भेजने से शिक्षकांे की लोकेशन का भी पता चल सकेगा।
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शिक्षकों की लोकेशन की जांच
आपको बता दें कि शिक्षा विभाग के करीब 70 हजार शिक्षक, कर्मचारी और अफसरों की लॉगिन आईडी तैयार कर ली गई है। उज्जवल एप-प्रभारी उप शिक्षा अधिकारी ब्रजपाल सिंह राठौर ने बताया कि यह पूरा सिस्टम जीपीआरएस से लैस है। शिक्षकों को अपने मोबाइल पर इस एप को डाउनलोड करना होगा। जैसे ही वह स्कूल पहुंचेगा, उसे अपनी लॉगिन आईडी खोलकर ‘पंचिंग’ बटन दबाना होगा। ऐसा करते ही रियल टाइम सेल्फी का फंक्शन खुल जाएगा और जैसे ही मोबाइल से सेल्फी खींची जाएग वह मुख्य सर्वर में पहुंच जाएगी। इस फोटो के साथ शिक्षक की लोकेशन का भी ब्योरा होगा। जीपीआरएस से जुड़ा होने की वजह से एक निश्चित समयांतराल पर शिक्षक की लोकेशन की जांच करता रहेगा।