देहरादून। कोटेश्वर-टिहरी जलविद्युत परियोजना से प्रभावित हुए 30 गांवों के 415 परिवारों का जल्द ही पुनर्वास किया जाएगा। इन परिवारों को आईडीपीएल, पशुलोक, भान्यावाला और मंसादेवी में बसाया जाएगा। राज्य के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने टीएचडीसी प्रबंधन को इसपर तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही 8 गांवों के सर्वे पर भी विचार किया गया। इसके साथ ही मंत्री ने 4 गांवों के दोबारा सर्वे करने के निर्देश दिए।
कृषि मंत्री ने दिए निर्देश
गौरतलब है कि विधानसभा के सभागार में हुई बैठक में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने 3 अप्रैल को हुई बैठक और आठ गांवों के सर्वे के लिए गठित तकनीकी समिति से रिपोर्ट ली। तकनीकी समिति ने जानकारी दी कि इनमें से चार गांवों उठड़, छोलगांव, चांटी और पयालगांव को प्रभावित गांवों की श्रेणी में रखा गया है। शेष चार गांवों का सर्वे दोबारा किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। कैबिनेट मंत्री ने झील से प्रभावित भयतोगीनाला का ट्रीटमेंट करने के निर्देश भी टीएचडीसी प्रबंधन को दिए।
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संवेदनशीलता के साथ मामला निपटाएं
बैठक में कैबिनेट मंत्री ने कहा कि परियोजना के कारण प्रभावित हुए ग्रामीणों की समस्याओं को संवेदशील होकर निस्तारित किया जाए। इस मौके पर टिहरी के विधायक धन सिंह नेगी और विधायक प्रतापनगर विजय पंवार ने कहा कि टीएचडीसी इस मामले में संवेदनशीलता के साथ तत्काल कार्यवाही करे। बैठक में विधायक घनसाली शक्तिलाल शाह, विधायक प्रीतम पंवार, जिलाधिकारी टिहरी इंदुधर बौड़ाई आदि मौजूद थे।