देहरादून। अब राज्य के स्कूलों में संस्कृत विषय के शिक्षकों के लिए आवेदन करने वालों के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य होगा। सरकार ने सुस्कृत शिक्षा परिषद को इसका परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने संस्कृत स्कूलों में गुणवत्ता परक शिक्षा के लिए शिक्षकों की तैनाती के मानक कड़े करने का निर्णय लिया है। इसके लिए संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया।
शिक्षकों की नियुक्ति के मानक हुए कड़े
गौरतलब है कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था की हालत किसी से छुपी नहीं है। अब शिक्षकों की नियुक्तियों के मानक कड़े कर दिए हैं। इसमें राज्य के संस्कृत स्कूल भी शामिल हैं। शिक्षा मंत्री ने संस्कृत शिक्षा परिषद को शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य करने के संदर्भ में परीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा है। शिक्षा मंत्री के साथ हुई बैइक में पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा एवं शास्त्री, आचार्य एवं शोध विषय के पाठ्यक्रमों पर चर्चा की गई। उन्होंने संस्कृत विद्यालय खरसाड़ी उत्तरकाशी एवं मुखेम टिहरी में छात्र संख्या शून्य होने की वजह से शिक्षकों को निकटतम स्कूलों में तैनाती के निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री ने गढ़वाल व कुमांऊ मंडल में एक एक आदर्श आवासीय संस्कृत विद्यालय खोलने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मंत्री ने उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की नियमावली 15 दिन में तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
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