Saturday, May 18, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

आॅलवेदर सड़क निर्माण के लिए चढ़ाई जाएगी हजारों पेड़ों की बलि, पर्यावरणविदों ने जताई मौसमी बदलाव की चिंता

अंग्वाल न्यूज डेस्क
आॅलवेदर सड़क निर्माण के लिए चढ़ाई जाएगी हजारों पेड़ों की बलि, पर्यावरणविदों ने जताई मौसमी बदलाव की चिंता

देहरादून। एक तरफ गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से नमामि गंगे प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ गंगोत्री और हर्षिल के बीच सड़कों को चौड़ा करने के लिए हजारों हरे-भरे पेड़ों को काटने की तैयारी की जा रही है। उत्तरकाशी और गंगोत्री क्षेत्र का दौरा कर लौटे पर्यावरणविदों ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी वजह से लोगों को बड़े मौसमी बदलाव का सामना करना पड़ सकता है। 

पर्यावरण को होगा नुकसान

गौरतलब है कि गंगा को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से नमामि गंगे कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। वहीं गंगोत्री और हर्षिल के बीच सड़क को चौड़ा करने के लिए हजारों हरे-भरे देवदार के पेड़ों को काटने की तैयारी की जा रही है। उत्तरकाशी और गंगोत्री का दौरा कर लौटी पर्यावरणविदों की टीम ने इसकी जानकारी दी। पर्यावरणविदों का मानना है कि अगर ऐसा होता है तो ऊपरी इलाकों के तापमान में काफी बदलाव होगा जिससे मैदानी इलाकों में गर्मी काफी बढ़ जाएगी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए अध्ययन दल का नेतृत्व कर रहीं इंदिरा गांधी पर्यावरण सम्मान प्राप्त राधा बहन ने बताया कि गंगोत्री हिमालय में तापमान में इतनी वृद्धि हो चुकी है कि अब वहां पहले की तरह बर्फ नहीं पड़ती है। पर्यावरणविदों ने कहा कि उन इलाकों में बर्फ पड़ने के लिए वनों की मौजूदगी काफी जरूरी है। ऐसे में अगर वनस्पति का बड़े पैमाने पर दोहन होगा तो गंगोत्री क्षेत्र में मौसमी बदलाव होगा। जो आने वाले समय के लिए ठीक नहीं होगा।

ये भी पढ़ें - राज्य में उद्योग लगाने वालों पर सुप्रीमकोर्ट सख्त, तीन महीने के अंदर नहीं लगाया ईटीपी तो कटेग...


विकास के नाम पर जंगलों की कटाई

आपको बता दें कि एक ओर सरकार नमामी गंगे जैसी परियोजना में वनों के रोपण की बात कहती है। वहीं दूसरी ओर चारधामों के नाम पर ऑलवेदर रोड जैसी बड़ी परियोजना के लिए रास्ते में आने वाले पेड़ों की कटाई की जा रही है। यहां बता दें कि संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में देहरादून और हरिद्वार के मानकों के बराबर ही सड़क को चौड़ा करने की योजना, पर्यावरण के लिए खतरनाक है। उन्होंने इस स्थिति पर चिंता जताई है।

Todays Beets: