देहरादून। उत्तराखंड सरकार राज्य में पर्यटन को विश्वस्तरीय बनाने के प्रयास में जुट गई है। इसके लिए केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों को रोपवे की सुविधा देने की तैयारी की जा रही है। बता दें कि इसके लिए सरकार ने रोपवे बनाने में दिलचस्पी रखने वाली कंपनियों से एक्सप्रेशन आॅफ इंटेरेस्ट (ईओआई) मांगा है। सरकारी खबरों के अनुसार गौरीकुंड से केदारनाथ तक बनने वाले रोपवे पर करीब 500 करोड़ रुपये की लागत आएगी। खर्च ज्यादा होने की वजह से सरकार इससे पीपीपी मोड पर तैयार कराने पर विचार कर रही है।
गौरतलब है कि केदारनाथ में आई आपदा के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद में एक बार फिर से बढ़ गई है। केदारनाथधाम तक पहुंचने के लिए हैली सर्विस का सहारा लेना पड़ता है। हैलीकाॅप्टर के उड़ने से पहाड़ों और वन्यजीवों को काफी नुकसान पहुंचने की आशंका बनी रहती है। सरकार इससे बचने के लिए भी गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक रोपवे बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
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यहां बता दें कि गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच की दूरी करीब साढ़े 8 किलोमीटर है। इस मार्ग पर रोपवे तैयार करने की इच्छुक कंपनियों से सरकार ने ईओआई मांगा है। सरकार राज्य में पर्यटन के विकास को विश्वस्तरीय बनाना चाहती है। रोपवे तैयार होने से केदारनाथधाम तक जाने वाली हैली सेवा पर भी रोक लगेगी।
पर्यटन विभाग केदारनाथ के साथ दो अन्य बड़ी रोपवे परियोजनाओं को धरातल पर उतारने में जुटा है। इन्वेस्टर्स समिट से पहले साढ़े 5 किलोमीटर लंबे मसूरी रोपवे का टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके अलावा नैनीताल में 11 किलोमीटर लंबे रोपवे के लिए भी ईओआई जारी किया जा रहा है। इन्वेस्टर्स समिट में भी प्रदेश सरकार इसका उल्लेख करेगी।