ऋषिकेश। गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई नमामि गंगे मुहिम का असर अब दिखने लगा है। श्रद्धालुओं द्वारा आस्था के नाम पर गंगा में प्रवाहित किए जाने वाले फूल और दूसरे सामानों को रोकने के लिए नमामि गंगे परियोजना के तहत पहले चरण में ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर ट्रैस बूम लगाये गए हैं। गंगा में प्रवाहित होने वाले फूल और अवशिष्ट इन ट्रैस बूम में फंस जाएंगे जिसे कंपनी के कर्मचारी रोज सफाई के दौरान निकालेंगे।
ट्रैस बूम रोकेगा बहते फूलों को
गौरतलब है कि ऋषिकेश का त्रिवेणी घाट एक प्रमुख घाट है। यहां हर रोज सैकड़ों श्रद्धालु आते हैं। गंगा दर्शन के साथ श्रद्धालु यहां बड़ी मात्रा में फूल और अन्य पूजन सामग्री के अवशिष्ट भी प्रवाहित कर देते हैं, जो गंगा प्रदूषण का बड़ा कारण बन जाते हैं। आस्था के जुड़े होने के कारण श्रद्धालुओं को ऐसा करने से रोक पाना भी संभव नहीं होता। इसे रोकने के लिए इस घाट के 25 मीटर के स्पान में ट्रैस बूम लगाया जाएगा। इससे फूल और अन्य अवशिष्ट यहां आकर रुक जाएगा। ऋषिकेश नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी वीपीएस चैहान ने बताया कि भारत सरकार ने नमामि गंगे के तहत ‘असवत इनफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड’ को इसका जिम्मा सौंपा गया है।
रोज होगी सफाई
ऋषिकश के अलावा हरिद्वार में भी इस तरह के ट्रैस बूम लगाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कंपनी के कर्मचारी प्रतिदिन इस ट्रैस बूम की सफाई कर अवशिष्ट को बाहर निकालेंगे और इसका निस्तारण करेंगे। नगर पालिका के अधिकारी इसकी मॉनेटरिंग करेंगे। उन्होंने बताया कि सफाई के लिये एक छोटा स्टीमर भी त्रिवेणी घाट पर तैनात किया जा रहा है।