देहरादून। भारतीय जनता पार्टी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मना रही है। इसके तहत भाजपा शासित सभी प्रदेशों में नई योजनाएं शुरू की जा रही हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी इस मौके पर राज्य के गरीबों और किसानों के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि लघु और सीमांत किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य की बेहतरी के लिए सहकारी बैकों को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
किसानों को मिलेगा फायदा
गौरतलब है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती वर्ष को भाजपा बड़ी ही धूमधाम से मना रही है। इसके तहत उत्तराखंड में भी कई योजनाओं का ऐलान किया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आगामी 25 सितंबर से लघु सीमांत तथा बीपीएल किसानों को एक लाख तक के फसली ऋण 2 प्रतिशत ब्याज पर प्रदान करने की योजना आरंभ की जाएगी। इसके साथ ही राज्य में सहकारिता सहभागिता तथा सहकारी बैंकों को मजबूत करने हेतु राज्य सहकारी बैंकों को विभागों द्वारा 1000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। सहकारी बैंकों द्वारा 114 माइक्रो एटीएम का संचालन आरंभ किया जाएगा।
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पारदर्शिता जरूरी
मुख्यमंत्री ने सहकारी बैंकों को और मजबूत बनाने की बात कही है। सीएम ने सहकारी बैंकों में जितने भी खाते हैं सबको आॅनलाइन किया जाए ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके। सहकारिता सहभागिता योजनान्तर्गत दिए गए ऋण के ब्याजों की प्रतिपूर्ति 50 फीसदी बैंक और 50 फीसदी सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों की सभी समस्याओं का हल जल्द ही किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बैंक पदाधिकारियों को स्पष्ट किया कि सहकारी बैंको को बैंकिंग में प्रोफेशनिल्जम लाना होगा। राज्य में सहाकारिता मजबूत है ऐसे में सहकारी बैंकों को इस बात का विशेष ध्यान देना रखना चाहिए कि वह लघु किसानों और छोटे उद्यमियों ऋण मुहैया कराए।
सहकारिता अधिकारियों के खाते सहकारी बैंक में
राज्य के विकास को तेज करने में सहकारिता के योगदान को बताते हुए कहा कि सीएम ने कहा कि कृषि आधारित किसी भी गतिविधि, औषधीय व सुगन्धित पौधों की खेती, पशुपालन, मत्सय पालन, कृषि उत्पादों के उत्पादन, प्रसस्ंकरण, मार्केटिंग आदि को प्रोत्साहन देने में की जरूरत है। इस मौके पर सहकारिता मंत्री डा0 धन सिंह रावत ने बताया कि सहकारिता मंत्री सहित सहकारिता विभाग, समिति व संगठनों के सभी अधिकारियों, कार्मिकों तथा सदस्यों के खाते सहकारिता बैंकों में खोले जायेंगे।