देहरादून। राज्यों में बाघों की बढ़ती संख्या और उन्हें संरक्षण देने की कवायद तेज कर दी गई है। इसके लिए जल्द ही राज्य को 2 नए टाईगर रिजर्व की सौगात मिल सकती है। नंधौर टाईगर रिजर्व और सुरई क्षेत्र को टाईगर रिजर्व के रूप में विकसित करने को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद विभाग ने इसका खाका तैयार कर लिया है। अब जल्द ही इसके लिए काम की शुरुआत कर दी जाएगी।
बाघों की संख्या में भी होगा इजाफा
आपको बता दें कि एनटीसीए की तरफ से टाईगर रिजर्व विकसित करने को मंजूरी मिलने के बाद अब इसे स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड में रखने की योजना बनाई जा रही है। ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि इन दोनों क्षेत्रों में टाईगर रिजर्व विकसित करने के लिए जनता से भी राय ली जाएगी। अगर यह दोनों नए टाईगर रिजर्व वजूद में आ जाते हैं तो राज्य में टाईगर रिजर्व की संख्या 2 से बढ़कर 4 हो जाएगी। गौर करने वाली बात है कि उत्तराखंड में बाघों के संरक्षण के लिए बड़ा काम किया जा रहा है। साल 2015 के अखिल भारतीय बाघ आकलन में जहां उत्तराखंड में 340 बाघ थे वहीं 2017 में इनकी संख्या बढ़कर 361 पहुंच गई है। बता दें कि यह कार्बेट और राजाजी टाईगर क्षेत्र के आसपास के 12 वन प्रभागों के आंकड़े हैं।
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ऊंचाई वाले इलाके में बाघों की मौजूदगी
यहां बाघों के प्रमाण 14 हजार से ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी मिले हैं। बाघों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यहां 2 नए टाईगर रिजर्व बनाने की कवायद 2015 शुरू की गई थी और 2016 में स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में हल्द्वानी, तराई पूर्वी व चंपावत वन प्रभागों के कुछ हिस्सों को मिलाकर 2012 में बनाई गई नंधौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के अलावा उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व के उत्तराखंड में स्थित बफर जोन सुरई रेंज (तराई पूर्वी वन प्रभाग) को टाइगर रिजर्व में तब्दील करने का प्रस्ताव तैयार किया गया और उसे एनटीसीए को भेजा गया।
बाघों के लिए बफर जोन तैयार
यहां बता दें कि एनटीसीए ने साल 2017 में नंधौर और सुरई को टाइगर रिजर्व बनाने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी थी इसके बाद वन विभाग ने इसकी रूपरेखा तैयार करनी शुरू की गई और नंधौर के लिए 270 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कोर और 578 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को बफर जोन में रखा जाएगा। वहीं, सुरई टाइगर रिजर्व में तराई पूर्वी वन प्रभाग की सुरई, खटीमा, किलपुरा रेंज के हिस्से शामिल करने का प्रस्ताव है। इसका कुल क्षेत्रफल 237 वर्ग किलोमीटर का होगा। हालांकि, जनता के सुझाव और विशेषज्ञों की राय के बाद क्षेत्र में विस्तार अथवा कमी की जा सकती है।