देहरादून। उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के बीच परिसंपत्ति बंटवारे को लेकर नई समस्या शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग ने हरिद्वार स्थित अलकनंदा होटल को उत्तराखंड को देने से साफ इंकार कर दिया है। बता दें कि यह होटल यूपी सरकार की आय का मुख्य श्रोत है। यह स्थिति तब है जब दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के बीच हुई बैठक में इसे उत्तराखंड को देने पर सहमति बन चुकी थी। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और उत्तराखंड पर्यटन विभाग कोर्ट में चल रहे इस मामले कर जोरदार पैरवी करने की तैयारी कर रहा है।
अलकनंदा होटल पर विवाद
गौरतलब है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद यह उम्मीद जगी थी कि परिसंपत्ति बंटवारे के अब विवाद समाप्त हो जाएंगे और दोनों राज्य मिलजुल कर इसका हल निकालेंगे। इस मामले को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के बीच 10 अप्रैल को चर्चा भी हुई थी। इस बातचीत में हरिद्वार स्थित अलकनंदा होटल को उत्तराखंड को दिए जाने को सहमति बनी थी।
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राह नहीं आसान
आपको बता दें कि फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के दोनों राज्यों को मिलकर इसका हल निकालने के निर्देश के बाद यह सहमति बनी थी। दोनों मुख्यमंत्रियों की बैठक के जारी कार्यवृत्त में बाकायदा इसका जिक्र भी किया गया है। इसके कुछ ही समय बाद यूपी पर्यटन विभाग ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया और अलकनंदा होटल को उत्तराखंड को देने से इंकार कर दिया। अब लखनऊ में हुई बैठक में प्रदेश की ओर से अपर सचिव पर्यटन सविन बंसल ने शिरकत की। बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि अलकनंदा होटल उत्तरप्रदेश के पास ही रहेगा। सचिव पर्यटन मीनाक्षी सुंदरम ने इसकी पुष्टि की है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि एक ही पार्टी की सरकार आने के बाद जो उम्मीदें जगी थी यूपी के इस रवैये के बाद उसकी राह आसान नहीं दिखाई दे रही है।