देहरादून । उत्तराखंड के लोगों पर महंगाई का बोझ और बढ़ने जा रहा है । असल में खबर है कि यूपीसीएल ने एक बाद फिर से उत्तराखंड में बिजली की दरों को (Uttarakhand Electricity Bill) बढ़ाए जाने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजा है । ऐसी सूचना है कि इस बार यूपीसीएल ने दरों में वृद्धि का जो प्रस्ताव भेजा है , उसके लागू होने पर लोगों को अच्छा खासा बिल देना होगा । हालांकि विद्युत दरों में बढ़ोतरी को लेकर अंतिम फैसला विद्युत नियामक आयोग को करना है लेकिन यूपीसीएल के प्रस्ताव ने लोगों की चिंता बढ़ा ही दी है ।
यूपीसीएल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार , इस बार विद्युत नियामक आयोग को जो प्रस्ताव भेजा गया है , उसमें बेतहाशा वृद्धि के संकेत हैं । सूत्रों की माने तो विद्युत दरों में बढ़ोतरी का जो नया प्रस्ताव भेजा गया है उसके अनुसार , घरेलू दरों में पुराना प्रस्ताव 05 प्रतिशत तो इस बार नए प्रस्ताव में इसकी वृद्धि 09% हो सकती है । इसी क्रम में गैर घरेलू में पुराना प्रस्ताव जहां 7.8% तक का था , वहीं नए प्रस्ताव में इस और बढ़ाकर 15% कर दिया गया है ।
अगर बात पब्लिक यूटिलिटी की करें तो जहां इसके लिए पहले 9 फीसदी का प्रस्ताव भेजा गया था , वहीं इस बार इसे भी बढ़ाकर 16% कर दिया गया है । उद्योगों के लिए तो इस बार बहुत ज्यादा वृद्धि का प्रस्ताव भेजा गया है । जहां पिछले प्रस्ताव के अनुसार , 7% की वृद्धि करने की बात थी तो नए प्रस्ताव में अब 19 प्रतिशत वृद्धि हो सकती है ।
कृषि में भी पुराना प्रस्ताव 4% का था , जबकि नए प्रस्ताव में इस दोगुना बढ़ाकर 9.7 5% किया गया है ।
विभागीय अफसरों का कहना है कि महंगी बिजली खरीद से यूपीसीएल पर जो अतिरिक्त भार पड़ा है अब उसकी भरपाई के लिए यह नया प्रस्ताव बनाया गया है । हालांकि ऊर्जा सचिव का कहना है कि यह अस्थायी है , और इस पर अभी नियामक आयोग को निर्णय करना है । बहरहाल , अभी नियामक आयोग भी इस सबकी पड़ताल करने के बाद ही इसे सुनवाई के लिए मंजूर करेगा ।
आपको बता दें कि यूपीसीएल ने महंगी बिजली खरीद से होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए नियामक आयोग में 1355 करोड़ 41 लाख रुपये उपभोक्ताओं से बतौर सरचार्ज वसूली की गुहार लगाई थी । आयोग ने इस पर हुई जनसुनवाई के बाद यूपीसीएल को 6.5 प्रतिशत सरचार्ज वृद्धि करते हुए बिजली बिल वसूलने की अनुमति दी थी, जिसकी अवधि एक सितंबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक रखी गई थी।