Sunday, May 19, 2024

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शिकायत दर्ज कराने के लिए नहीं काटने पड़ेंगे विभागों के चक्कर, बनेंगे काॅमन काॅल सेंटर

अंग्वाल न्यूज डेस्क
शिकायत दर्ज कराने के लिए नहीं काटने पड़ेंगे विभागों के चक्कर, बनेंगे काॅमन काॅल सेंटर

देहरादून। राज्य में अब लोगों को अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। राज्य कैबिनेट ने बड़ा निर्णय लेते हुए कहा कि इसके लिए कॉमन कॉल सेंटर बनाया जाएगा। यही नहीं, शिकायतें दूर हुई या नहीं इसके लिए भी अफसरों की जवाबदेही तय की जाएगी। सीएम त्रिवेन्द्र रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में शिकायतों का समय सीमा के अंदर निराकरण के लिए लोकसेवा अभिकरण के गठन को भी मंजूरी दी गई है। राज्य सरकार की ओर से जल्द ही अभिकरण की नियमावली तय करेगी।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की तर्ज पर गठित होने वाले लोकसेवा अभिकरण में अधिकारियों को तय समयसीमा के अंदर शिकायतों का निपटारा करना होगा। कैबिनेट में लिए गए फैसले में उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम(उपनल) को विदेशों में भी आउटसोर्स सेवाएं देने के लिए ओवरसीज मैनपावर आउटसोर्स एजेंसी बनाने पर मुहर लगा दी गई है।

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ये रहे कैबिनेट के अन्य फैसले

- 3 लाख आय वालों को भी निःशुल्क कानूनी सहायता

राज्य में अब एक लाख रुपये सालाना के बजाए 3 लाख रुपये सालाना आमदनी वाले भी प्राधिकरण से मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त कर सकेंगे।

-एक करोड़ की आय वाली कृषि मंडियों को अंशदान में छूट


मंडी समितियों द्वारा अपनी आय से कृषि उत्पादन एवं विपणन बोर्ड को अंशदान देने की व्यवस्था को भी संशोधित किया गया है। इसके तहत एक करोड़ रुपये तक आय वाली मंडियों को कोई अंशदान नहीं देना होगा। इसके बाद 1.5 करोड़ से 5 करोड़ रुपये और अधिक सीमा वाली मंडियों को ही नए स्लैब के अनुसार अंशदान देना होगा। यह अंशदान 40 से 80 फीसदी तक रहेगा।

-न्यायाधीशों को मेडिकल सुविधा में ज्यादा रियायत नहीं

हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को राज्य सरकार के मंत्रियों के समान ही मेडिकल और प्रतिपूर्ति की सुविधा मिलती रहेगी। इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार न्यायाधीशों को मंत्रियों से अधिक सुविधाएं देने के लिए कुछ संशोधन प्रस्तावित थे पर कैबिनेट ने इससे इंकार कर दिया। वर्तमान व्यवस्था में मंत्रियों को भी पहले जिला अस्पताल में भर्ती होना होता है उसके बाद ही वो रेफर हो सकते हैं। इसी प्रकार मेडिकल बिल की प्रतिपूर्ति के लिए इसी प्रकार नियम हैं।

-अनुपूरक बजट पर मुहर

4 दिसंबर से शुरू होने जा रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार 2175 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट लाएगी। कैबिनेट ने सत्र के आयोजन के प्रस्ताव को मंजूर करते हुए अनुपूरक बजट के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी। वित्त विभाग को अनुपूरक बजट के अनुसार बाकी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा गया है।

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