देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने गैरसैंण बजट सत्र मंे गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 45585 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल का यह दूसरा बजट है। बता दें कि बीते वित्तीय वर्ष 2017-18 में त्रिवेंद्र सरकार ने 39957.20 करोड़ का बजट पेश किया था। गैरसैंण में पेश किए गए बजट की मुख्य बातें ये रहीं।
बजट के मुख्य बिंदु
वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल बजट का 31.55 प्रतिशत खर्च वेतन भत्ते मजदूरी में होगा खर्च।
वित्तीय वर्ष 2018 -19 के कुल बजट का 10.67 प्रतिशत ब्याज में होगा खर्च।
प्रदेश में ऑर्गेनिक हर्बल स्टेट बनाने के लिए पंद्रह सौ करोड़ रुपए का बजट में प्रावधान
विधानसभा सचिवालय में विधानसभा स्थापना हेतु धनराशि की व्यवस्था
गैरसैंण में अंतर्राष्ट्रीय संसदीय अध्ययन शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना हेतु धनराशि की व्यवस्था
ईवीएम एवं वीवीपैट के लिए बजट 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है
भोजन माताओं को वर्दी उपलब्ध कराने के लिए तीन करोड़ रुपये की धनराशि
आशा कार्यकर्ताओं एवं एएनएम वर्कर्स के लिए दुर्घटना बीमा योजना
मेट्रो रेल निर्माण के लिए 86 करोड रुपए की धनराशि
कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए देखभाल हेतु राष्ट्रीय क्रेच योजना के अंतर्गत 3 करोड़ 70 लाख धनराशि की व्यवस्था
राज्य में मातृ एवं शिशु कुपोषण रोकने के लिए 10 करोड़ 25 लाख 42 हजार की धनराशि
बीपीएल परिवारों के मुखिया हेतु आम आदमी बीमा योजना में 11 करोड़ 37 लाख 15 हजार की व्यवस्था
किसानों के लिए दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 30 करोड़ की व्यवस्था
सौंग बांध परियोजना हेतु 40 करोड रुपए की व्यवस्था
नैनीताल झील के पुनर्जीविकरण हेतु 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था
राज्य में उद्यमियों को निवेश के लिए डेस्टिनेशन उत्तराखंड के आयोजन हेतु 25 करोड़ रुपए की धनराशि की व्यवस्था
प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन रोकने के लिए ग्रोथ सेंटर की स्थापना, 15 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था
पर्यटन बढ़ावा के लिए होम स्टे योजना को 15 करोड़ रुपए।
ग्राम्य विकास पर फोकस
2019 तक गरीबी मुक्त होंगी 1374 ग्राम पंचायतें
बेस अस्पतालों के लिए अब तक का सर्वाधिक प्रावधान, 20 करोड़ की व्यवस्था
25 हजार युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने टारगेट, 50 करोड़ का प्रावधान
दो साल के भीतर ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून की सभी बसों को सीएनजी से चलाएंगे
मातृ पितृ तीर्थाटन योजना में पौड़ी का तड़केस्वर, रुद्रप्रयाग का कालीमठ, अल्मोड़ा का जागेश्वर, बागेश्वर का गिराड़ गौलू और बैजनाथ, पिथौरागढ़ का गंगोलीहाट भी शामिल।