नई टिहरी। चारधाम के दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों को रेलवे की तरफ से जल्द सौगात मिलने वालीहै। रेलवे ट्रैक के जरिए चार धाम को जोड़ने पर विचार कर रहा है। रेलवे विकास निगमके अधिकारियों ने चार धाम रेलवे ट्रैक की फिजिबिलिटी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपदी है। निगम के मुताबिक 600 किमी लंबे इसचार धाम ट्रैक से यात्रियों को बेहद लाभ मिलेगा। रेलवे विकास निगम के अधिकारियोंने जिला मुख्यालय नई टिहरी में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे ट्रैक के संबंध मेंप्रजेंटेशन दिया। इस दौरान निगम के सहायक महाप्रबंधक सुमित जैन ने बताया कि रेलवेनिगम ने उत्तराखंड के गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ औरकेदारनाथ को रेलवे ट्रैक से जोड़ने का फिजिबिलिटी सर्वे पूरा कर दिया है। पिछलेसाल नवंबर में यह सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंप दी थी। 600 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक के जरिएचारों धाम की यात्र रेल से की जा सकेगी। केदारनाथ के लिए श्रीनगर या मलेथा से अलगलाइन देनी की बात रिपोर्ट में कही गई है। जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री के लिएडोईवाला या फिर मलेथा से ही अलग लाइन दी जा सकेगी। अब केंद्र सरकार अगर इसप्रस्ताव को मानती है तो चारों धाम का सफर रेल से करने की सुविधा श्रद्धालुओं कोमिल सकेगी। रेल अधिकारी सुमित जैन ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन कासर्वे पूरा हो चुका है और अब राज्य सरकार से भूमि हस्तांतरण बाकी है। 125 किलोमीटर लंबे ट्रैक में 105 किलोमीटर का ट्रैक सुरंगों के अंदरसे जाएगा। 12 रेलवे स्टेशनबनाए जाएंगे। रेल विकास निगमके पास बजट भी आ गया है। अब राज्य सरकार से जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया बाकी है।जमीन मिलते ही रेलवे अपना काम शुरु कर देगा।