देहरादून । उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित एक राजकीय इंटर कॉलेज के शिक्षक आशीष डंगवाल एक वीडियो पिछले दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ । वीडियो में स्कूल के बच्चों समेत गांव के लोग उनके तबादले पर जमकर रोए। वायरल हुई कुछ फोटो में बच्चे सुबकते हुए नजर आए । विदाई में ग्रामीण ढोल दमाऊं के साथ शिक्षक को गांव के बाहर तक छोड़ने आए। इतना ही नहीं अपने इस विदाई समारोह से अभिभूत होकर आशीष ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर एक फेसबुक पोस्ट लिखी , जिसमें उन्होंने छात्रों ओर गांव वालों के लिए अपनी भावनाएं व्यक्त की। इस सब के बाद अब राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आशीष डंगवाल को सम्मानित किया । मुख्यमंत्री रावत ने सीएम आवास में आशीष की हौसला अफजाई की।
सीएम बोले - आशीष से मिलकर बहुत खुशी मिली
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में असी गंगा घाटी स्थित राजकीय इंटर कॉलेज भंकोली में तैनात रहे शिक्षक आशीष डंगवाल को सोमवार सुबह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने आवास पर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आशीष जैसे ऊर्जावान शिक्षकों से मिलकर बहुत खुशी होती है। यह बेहद खुशी की बात है कि उत्तराखंड में बहुत से अच्छे शिक्षक हैं जो तमाम मुश्किलों के बावजूद समाज को नई दिशा दे रहे हैं।
हाल में प्रवक्ता पद की परीक्षा उर्तीण की
विदित हो कि राजकीय इंटर कॉलेज भंकोली में तैनात शिक्षक आशीष डंगवाल ने तीन साल तक कार्य करने के बाद हाल ही में प्रवक्ता पद की परीक्षा उत्तीर्ण की। जिसके बाद 21 अगस्त को उनका विदाई समारोह आयोजित किया गया। शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी। जिसमें न सिर्फ छात्र-छात्राएं एवं विद्यालय के शिक्षक बल्कि अभिभावक भी भावुक हो गए। रुद्रप्रयाग जिले के श्रीकोट गांव निवासी 27 वर्षीय आशीष डंगवाल को वर्ष 2016 में राइंका भंकोली में सामाजिक विज्ञान के एलटी शिक्षक के तौर पर पहली नियुक्ति मिली थी। अब उनका ट्रांसफर टिहरी के राइंका गरखेत में हो गया है।
फेसबुक पर लिखी पोस्ट
आशीष ने गांव वालों के विदाई समारोह से अभिभूत होकर फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी थी , जिसमें उन्होंने लिखा - मेरी प्यारी केलसु घाटी, आपके प्यार, आपके लगाव ,आपके सम्मान, आपके अपनेपन के आगे, मेरे हर एक शब्द फीके हैं। सरकारी आदेश के सामने मेरी मजबूरी थी मुझे यहां से जाना पड़ा, मुझे इस बात का बहुत दुख है। आपके साथ बिताए तीन वर्ष मेरे लिए अविस्मरणीय हैं। भंकोली, नौगांव , अगोडा, दंदालका, शेकू, गजोली, ढासड़ा की समस्त माताओं, बहनों, बुजुर्गों, युवाओं ने जो स्नेह बीते वर्षों में मुझे दिया मैं जन्म जन्मांतर के लिए आपका ऋणी हो गया हूं। मेरे पास आपको देने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन एक वादा है आपसे की केलसु घाटी हमेशा के लिए अब मेरा दूसरा घर रहेगा। आपका ये बेटा लौट कर आएगा। आप सब लोगों का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूं। मेरे प्यारे बच्चों हमेशा मुस्कुराते रहना। आप लोगों की बहुत याद आएगी।