रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने और पलायन को रोकने के लिए रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की तरफ से काफी कोशिशें की जा रही हैं। उनके इस काम में उनकी पत्नी ऊषा भी बखूबी उनका साथ दे रही हैं। डीएम रुद्रप्रयाग राजकीय बालिका इंटर काॅलेज में जब निरीक्षण के लिए पहुंचे तो शिक्षिकाओं की कमी को देखकर काफी दुखी हुए। उन्होंने घर आकर अपनी पत्नी से इस बात का जिक्र किया और उनसे स्कूल के बच्चों को पढ़ाने का आग्रह किया तो वे भी फौरन तैयार हो गईं। अब वे 9वीं और 10वीं के बच्चों को दो घंटे विज्ञान पढ़ा रही हैं।
जिलाधिकारी का प्रयास रंग लाया
गौरतलब है कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की हालत शिक्षकों की कमी के चलते काफी खराब है। शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए की जा रही सरकारी कोशिशों के बीच रु द्रप्रयाग के जिलाधिकारी की पत्नी ने एक मिसाल पेश की है। आपको बता दें कि जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल जिले में शिक्षा सुधार के साथ पलायन पर रोक लगाने के लिए भी काफी प्रयास कर रहे हैं। वह समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं। इसके अलावा वह बच्चों को पढ़ा भी रहे हैं। डीएम की पहाड़ के प्रति पीड़ा को देखते हुए उनकी पत्नी भी उनका साथ दे रही हैं।
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छात्राओं का भविष्य संवार रहीं
राज्य के पहाड़ी इलाकों में शिक्षा की बेहतर व्यवस्था हो और वहां से पलायन को रोकने में मंगेश का साथ उनकी पत्नी ऊषा भी दे रही हैं। पति मंगेश घिल्डियाल के प्रयासों को और मजबूती दिलाने के लिए ऊषा ने रुद्रप्रयाग में ही राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में विज्ञान पढ़ाना शुरू कर दिया है। बिना किसी स्वार्थ और पैसे के उषा घिल्डियाल कक्षा 9 और 10वीं की छात्राओं को विज्ञान पढ़ा रही हैं। वह प्रतिदिन 2 से ढाई घंटे स्कूल में बच्चों को पढ़ा रही हैं।
वैज्ञानिक रह चुकी हैं ऊषा
आपको बता दें कि ऊषा घिल्डियाल पंतनगर कृषि विश्व विद्यालय में बतौर साइंटिस्ट काम कर चुकी हैं और इन दिनों वह बच्चों के भविष्य को सवांरने में जुटी हैं। डीएम और उनकी पत्नी की तरफ से किए जा रहे इस शानदार प्रयास का रुद्रप्रयाग के साथ दूसरी जगहों पर भी खूब सराहना हो रही है।