नई दिल्ली । चीन कई बार अपने दोहरे चरित्र को उजागर करने से नहीं चूकता। एक बार फिर चीन ने अपना दोगुला चरित्र उजागर कर दिया है। सरकार के प्रतिनिधियों के स्तर पर सीमावर्ती इलाकों में शांतिबहाली का आश्वासन देने के बावजूद चीन भारत की सरजमीं पर घुसपैठ की नापाक कोशिश बदस्तूर जारी रखे हुए है। ताजा घटनाक्रम लद्दाख की पांगोंग त्सो झील से जुड़ा है। चीन ने इस झील में अपनी तेजी से गश्त करने वाली नोकाओं की तैनाती कर दी है। ताजा खुफिया जानकारी में इस बात की सूचना दी गई है कि इन नौकाओं की तैनाती के जरिए मकसद बॉर्डर पर होने वाली गतिविधियों पर नजर रख रहा है।
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बता दें कि इस झील में तैनात की गई नौकाओं के जरिए चीन ने निगरानी कर रहा है। एक विशेष वाटर स्कवॉर्डर ने इस झील में अपना ठिकाना बना लिया है। असल में चीनी सेना का यह स्पेशल स्क्वाड्रन उनके माउंटन टॉप नेशनल गेट फ्लीट का हिस्सा है। इस वोट पर हाई तकनीक से जुड़े सभी उपकरण भी मौजूद है। इन नौकाओं में जरूरत पड़ने पर करीब 7 जवान सवार होकर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हो जाते हैं।
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जानकारों का कहना है कि इन नौकाओँ की मदद से चीनी सेना तेजी से आगे बढ़ने में महारत हासिल कर रही है। किसी तनाव की स्थिति में ये नौकाएं चीन के लिए काफी अहम बढ़त हासिल कर सकती हैं। बहरहाल , बता दें कि इस झील के आसपास का इलाका एक बार पहले भी विवादों में आ चुका है, जब चीनी सैनिक घुसपैठ करते हुए इस इलाके में आ गए थे। इस दौरान काफी हंगामा भी हुआ था, जिसके बाद सरकारों को इस मुद्दे पर बातचीत करनी पड़ी थी। एक बार फिर से इस क्षेत्र में चीनी नौकाओं का झील में तैनात होना चीन की किसी साजिश का हिस्सा हो सकता है।