कॉपेनहेगन। डेनमार्क के शाही घराने से खबर आ रही हैं कि वहां के प्रिंस को महाराजा का दर्जा न मिलने पर वह खफा हो गए हैं, जिसके चलते प्रिंस हेनरिक ने शाही घराने को निर्देश जारी कर उनकी और उनकी पत्नी महारानी मारग्रेथ की कब्र आसपास नहीं बनाई जाने के आदेश दे दिया है। प्रिंस हेनरिक ने नराजगी जताते हुए कहा है कि जब जीते जी उन्हें महारानी मारग्रेथ के बराबर राजा का पद और अधिकार नहीं दिए गए तो मरने के बाद दोनों को साथ में कब्र में दफनाने की क्या जरुरत।
आपको बता दें कि जनू सन् 1967 में महारानी मारग्रेथ रे साथ प्रिंस हेनरिक ने शादी की थी। वर्ष 2005 में हेनरिक को डेनमार्क का प्रिंस घोषित किया गया था। इससे पहले वह कई बार खुद को प्रिंस कॉन्सोर्ट घोषित न किए जाने का मलाल भी जता चुके हैं।
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इस पूरे मामले पर डैनिश के राजघराने के प्रवक्ता लेन बैलबी ने कहा, कि यह किसी से छिपी नहीं है कि प्रिंस हैनरिक खुद को मिले दर्जे और अधिकारों से नाखुश है। इसी के चलते हुए उन्होंने अपनी कब्र महारानी के बगल में न दफनाए जाने के फैसला किया। महारानी मारग्रेथ भी इससे अच्छे से वाकिफ है। इसलिए उन्होंने पति की ख्वाहिश का सम्मान करते हुए पति की इच्छा को मंजूरी दे दी है।
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वर्ष 2002 में भी किया था खुल के विरोध
प्रिंस हेनरिक वर्ष 2002 में महारानी मारग्रेथ की गैर मौजूदगी में बेटे और युवराज फ्रेडरिक को न्यू इयर समारोह का मेजबान बनाने पर इस कदर भड़क उठे थे कि वह डेनमार्क छोड़ कर अपने फ्रांस वाले फॉर्म हाउस में रहने चल गए थे। इस दौरान नाराज रहे प्रिंस हेनरिक ने बयान दिया था, मैं डैनिश राजघराने में सालों से नंबर दो की हैसियत रखता हूं। मैं इस भूमिका से संतुष्ट था, लेकिन में नंबर तीन की हैसियत पर नहीं जाना चाहता। यह मेरे लिए बेहद ही दुखी और अपमानजनक है।