नई दिल्ली। भारत में हेलमेट केवल सुरक्षा के लिहाज से ही तैयार किए जाते रहे हैं लेकिन अब हेलमेट को मौसम के अनुसार भी बनाए जाने की तैयारी चल रही है। नए तरह के हेलमेटों के निर्माण के लिए कई कंपनियों ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। दरअसल भारत में पहने जाने वाले हेलमेट पश्चिम देशों की तर्ज पर बने हुए हैं। इसलिए इसे हर मौसम में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता । इतना ही नहीं भारतीय मौसम के अनुसार, न तो ये गर्मी में लोगों को बचाने में सहायक सिद्ध होते हैं और न ही सर्दी में बचाने के लिए। इन सब असुविधाओं को दूर करने कें लिए लिहाज से अब भूतल परिवहन एंव राजमार्ग मंत्रालय व भारतीय मानक ब्यूरो ने नए तरीके के हेलमेट तैयार करने की कवायद तेज की है।
बता दें कि भारत में आज भी अधिकांश लोग हेलमेट सुरक्षा के लिहाज से नहीं बल्कि ट्रैफिक चालान से बचने के लिए पहनते हैं। ऐसे में लोगों की सुरक्षा और मौसम के अनुसार नए हेलमेट का डिजाइन भूतल परिवहन एंव राजमार्ग मंत्रालय व भारतीय मानक ब्यूरो ने तैयार कि है। 200 से ज्यादा कंपनियों को बीआईएस ने नए तर्ज के हेलमेट बनाने की मंजूरी दे दी है।
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मंत्रालय द्वारा कराई गई रिसर्च में कई तरह की बातें सामने आई हैं। पश्चिमी देशों में हाई स्पीड बाइकों को चलाने वाले चालकों की सुरक्षा के मद्देनजर खास हेलमेट का निर्माण किया जाता है। लेकिन उस तकनीक के हेलमेट हमारे देश के लोगों के लिए अनुकूल नहीं है। इतना ही नहीं अधिकांश लोगों द्वारा अभी तक इस्तेमाल में लाए जा रहे असुविधाजनक हैं। बाइक चलाते समय पर्याप्त हवा न आने से उन्हें घुटन महसूस होती है। इसके साथ ही, हेलमेट का अधिक वजन होना, गर्मी और सर्दी के मौसम में लोगों को राहत न देने के साथ ही पीछे से आ रहे वाहनों के हॉर्न भी कम सुनाई देने जैसी समस्याएं इन हेलमेट को पहनने के दौरान आती हैं।
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गौरतलब है कि नए हेलमेट स्थानीय परिस्थतियों को ध्यान में रखकर तैयार किए जा रहे हैं। इसे पहनने वालों का धूल-मिट्टी से बचाव, पसीना की परेशानी से बचाने के साथ ही भारतीय सड़कों व दुपहिया वाहनों की रफ्तार, आदि बातों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। नए हेलमेट की कीमत औसतन 800 रुपये रहेगी।