शिमला। हिमाचल प्रदेश में मतदान 9 नवंबर को होने वाले हैं। इसे लेकर पार्टियों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है लेकिन राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र ‘अर्की’ में पड़ने वाले रौरी गांव ने अधिकारियों और राजनीतिक पार्टी को इस बात की चेतावनी दी है कि अगर उनके गांव को प्रदूषण मुक्त जगह पर शिफ्ट नहीं किया गया तो वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे। इस बात को लेकर दोनों प्रमुख पार्टियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
सीमेंट फैक्ट्री बनी परेशानी की वजह
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में चुनाव के लिए मतदान होने में अब ज्यादा समय नहीं बचा है ऐसे में मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले गांव रौरी के करीब 500 लोगों के द्वारा चुनाव बहिष्कार का निर्णय ने उनकी पेशानी पर बल डाल दिया है। रौरी गांव के लोगों की मांग है कि उनके गांव को प्रदूषण मुक्त जगह पर शिफ्ट किया जाए। उनका कहना है कि दारलाघाट में अंबुजा सीमेंट की फैक्ट्री लगने से पहले वे भी अच्छी जिन्दगी जी रहे थे।
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सांस और चर्मरोग से पीड़ित
आपको बता दें कि सीमेंट की फैक्ट्री लगने से गांव के ज्यादातर लोग सांस की और चर्मरोगों की बीमारी से ग्रस्त हो गए हैं। गांववालों का आरोप है कि बड़ी संख्या में बच्चे, खासकर बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को फैक्ट्री से निकलने वाले धुएं और धूल से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। फैक्ट्री में होने वाले शोर से लोगों को रात-रात भर जागना पड़ता है। अब उनका कहना है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाएगी तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे। बता दें कि दारलाघाट की सीमेंट फैक्ट्री से राज्य सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति होती है।