नई दिल्ली । देश के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर मिस्ट्री मामले में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आरुषि के माता-पिता नुपूर और राजेश तलवार को सबूतों के अभाव में इस मामले से रिहा कर दिया है, लेकिन अब हेमराज की विधवा ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हेमराज का परिवार उसकी मौत की गुत्थी को सुलझाने के लिए सुप्रीम का रुख करने का जा रहा है। इस सब के बाद अब एक बार फिर से इस मामले की बंद पड़ती फाइलों के फिर से खुलने की संभावना जताई जा रही है।
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बता दें कि वर्ष 2008 में 15-16 मई की रात को आरुषि-हेमराज की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने इस हत्याकांड में आरुषि के माता-पिता नुपूर-राजेश तलवार को दोषी करार देते हुए दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस फैसले को दंपति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दंपति को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
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बहरहाल, हाईकोर्ट के फैसले से राजेश तलवार के घरेलू सहायक रहे हेमराज के परिवार के लोग खुश नहीं हैं। हेमराज के परिवार ने सीबीआइ पर जांच में हेराफेरी का आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि उनके साथ न्याय नहीं किया गया। हेमराज की पत्नी खुमकला का कहना है कि उनके दिल्ली आने-जाने तत के पैसे नहीं हैं, लेकिन वह अपने पति हेमराज को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगी।वहीं हेमराज की पत्नी खुमकला के भाई अशोक कुमार का कहना है कि वह परिवार की मदद के लिए इराक की अपनी नौकरी छोड़ लौट आया है। अब वह अपने जीजा की हत्या का सच सामने लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।