श्रीनगर।
जम्मू—कश्मीर में पत्थरबाजों पर लगाम लगाने की सुरक्षाबलों की मुहिम सफल हो रही है। आंकड़ों के अनुसार घाटी में पिछले साल के मुकाबले इस साल पत्थरबाजी की घटनाएं आधे से भी कम हुई हैं। सीआरपीएफ के डीजी राजीव भटनागर ने कहा कि हमारी नई रणनीति के तहत जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं साल 2016 की मुकाबले घटी हैं। इस साल पत्थरबाजी की 424 घटनाएं हुई हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में पत्थरबाजी की 1590 घटनाएं हुई थीं।
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भटनागर ने कहा कि जम्मू—कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं कम होने के पीछे कई कारण अहम रहे हैं। नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर, भीड़ से निपटने की नई रणनीति, एनआईए जैसी संस्थाओं की ओर से की गई कार्रवाई और सुरक्षा बलों की ओर से किए गए ज्वाइंट ऑपरेशन जैसे कदम कारगर साबित हुए हैं। जम्मू और कश्मीर में अलगाववादियों पर हुई कार्रवाई से भी हिंसा की घटनाओं पर लगाम लगाने में मदद मिली है। अकेले सीआरपीएफ ने इस साल जम्मू-कश्मीर में 75 आतंकवादियों को मार गिराया है, जबकि 252 को गिरफ्तार किया गया है जिनसे कई हथियार बरामद किए गए हैं। सीआरपीएफ ने ऑपरेशनों के दौरान हिंसक भीड़ पर भी काबू रखने में कामयाबी हासिल की है।
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सीआरपीएफ डीजी ने कहा कि घायल हुए कर्मियों की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में एक तिहाई हुई है। भटनागर ने कहा कि घाटी में आतंकवादी घटनाओं में भी कमी आई है और अमरनाथ यात्रा के बाकी हिस्से तक सुरक्षा अभ्यास में कुछ बदलाव आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कम घातक हथियारों जैसे पैलेट गन के इस्तेमाल से जवान और भीड़ कम ही घायल हुई है।