नई दिल्ली
सोशल मीडिया के जरिए किसी इंसान की पहचान तो बनती है लेकिन कई बार यही उसके नाम को खराब करने में या यूं कहें कि उसे गर्त में ले जाने में भी अहम भूमिका निभाता है। दरअसल बात एक अफगान लड़की खतेरा फैजी की है। फैजी एक पत्रकार के तौर पर हेलमंड में काम करतीं थीं। यहां आपको ये बता दूं कि अफगानिस्तान में लड़कियों के काम करने वो भी एक पत्रकार के तौर पर अच्छा नहीं माना जाता है। जब उसने काम शुरू किया तो सबसे पहले उसकी मां ने ही इसका विरोध करना शुरू कर दिया। हालांकि उसके पिता ने हमेशा उसका साथ दिया।
खैर, विरोधों के बावजूद उसने हेलमंड में रेडियो और टेलीविजन पत्रकार के रूप में काम करना शुरू किया और फेसबुक पर अपनी फोटो पोस्ट करने लगी। यहां उसकी दोस्ती अपने साथ काम करने वाले दो लड़कों से हुआ। कुछ दिनों तक सबकुछ ठीक रहने के बाद शुरू हुआ उसकी परेशानियों का दौर। उन लड़कों ने उसकी मेमोरी कार्ड चुरा ली और उस पर अफेयर करने का दबाव बनाने लगे।
उन लड़कों ने कहा कि अगर फैजी उनसे अफेयर नहीं करती है तो वो सारे फोटो फेसबुक पर डाल देंगे। इससे फैजी डरी नहीं, उन्हें पता था कि उसमें कोई भी फोटो ऐसी नहीं है जिससे उसे शर्मिंदगी झेलनी पड़े। हां कुछ ऐसी फोटो जरूर थी जिसमें उसने हिजाब नहीं पहन रखा था और अफगानिस्तान में बिना हिजाब के रहने वाली लड़कियों और औरतों को बदचलन करार दिया जाता है। उन लड़कों ने उसकी तस्वीरें फेसबुक पर अपलोड कर दी। अपने साथी कर्मचारियों की ओर से लगातार दबाव बनाने के कारण उसे नौकरी छोड़नी पड़ी। इसके चलते उसकी बहन और उसके ससुराल वालों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ी।
फैजी ने इन सब बातों को दरकिनार करते हुए आगे बढ़ने का फैसला किया और वो हेलमंड से अफगान यूनिवर्सिटी चली आई। जबकि उसका परिवार अभी भी हेलमंड में ही है। अफगानिस्तान के पख्तून समाज में लड़कियों का अपने शहर से बाहर रहना भी अच्छा नहीं माना जाता है लेकिन उसके मामले की वजह से उसे बाहर भेजा गया। फैजी की बढ़ती परेशानियों में उसके पिता ने उसका बखूबी साथ दिया। फैजी के पिता ने कहा कि अगर तुमने आगे पढ़ने का निश्चय कर लिया है तो इन सभी बातों की चिन्ता छोड़ दो अन्यथा तुम भी एक घरेलू औरत बनकर रह जाओगी।