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देहरादून. देहरादून और ऋषिकेश को रेल सेवा से जोड़ने काप्रस्ताव सालों बाद भी अधर में लटका है। अंग्रेजों के जमाने से लंबित पड़ी इसयोजना से न सिर्फ यातायात व्यवस्था पर भारी असर पड़ रहा है बल्कि पर्यटन के लिहाजसे राज्य की आर्थिकी को भी धक्का पहुंच रहा है । दून-ऋषिकेश सीधी रेल लाइन के लिएऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों की जनता ने इसे बनाने की मांग उठाई। लेकिन सरकारोंके उपेक्षित रवैये की वजह से यह मुहिम आगे नहीं बढ़ पाई।
तीर्थ नगरी से तकरीबन हज़ारों लोग रोजानदेहरादून, सेलाकुई और आसपास की जगहों पर आवाजाही करते हैं। यात्री या तो अपनेवाहनों से इस दूरी को तय करते हैं या फिर बस से करीब डेढ़ घंटे का सफर कर दूनपहुंचते हैं। दूसरी सबसे बड़ी परेशानी की वजय यह कि ऋषिकेश और देहरादून के बीचसड़क मार्ग आए दिन हाथियों के चलते बाधित रहता है, जिस कारण सड़क पर घंटों जाम लगरहता है। ऐसे में जरूरत है की अंग्रेजों के जमाने से अधर में लटका ऋषिकेश-देहरादून रेल प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिले। ताकी राज्य के इन दो प्रमुख शहरों कोआपस में जोड़ा जा सके।