नई दिल्ली। अमेरिका में काम करने वाले करीब 70 हजार भारतीयों की नौकरी पर एक बार फिर से खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। ट्रंप प्रशासन ने संघीय कोर्ट को इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि एच-4 वीजा पर दिए जाने वाले वर्क परमिट को रद्द करने की प्रक्रिया अपने आखिरी चरण में है। इस वर्क परमिट के रद्द होने पर हजारों भारतीय कामगारों पर इसका असर पड़ सकता है। नए नियमों का औपचारिक आदेश जून में जारी हो सकता है।
गौरतलब है कि अमेरिकी प्रशासन की ओर से एच-4 वीजा पर वर्क परमिट उन लोगों को दी जाती है जिनके पति या पत्नी पहले से ही एच-1 वीजा पर वहां काम कर रहे हैं। यहां बता दें कि अमेरिका में इस तरह की वर्क परमिट पर काम करने वालों में करीब 93 फीसदी भारतीय हैं।
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अमेरिका के आंतरिक सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने संघीय अदालत को बताया कि प्रस्तावित नियम मंजूरी के अंतिम चरण में है। ट्रंप प्रशासन ने कोर्ट से कहा कि एक बार प्रस्ताव पर डीएचएस के माध्यम से मंजूरी मिल जाए तो इसे नियामकीय एवं नियोजन समीक्षा के कार्यकारी आदेश के तहत समीक्षा के लिए प्रबंधन एवं बजट कार्यालय को भेजा जाएगा।
यहां बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल के दौरान एच-1 बी वीजाधारक के जीवनसाथी को कानूनी तौर पर काम करने की अनुमति दी थी लेकिन ट्रंप प्रशासन इस नियम को समाप्त करने की तैयारी में है। अमेरिका के प्रवासी भारतीय ने ट्रंप सरकार के इस फैसले का काफी विरोध किया था।