लखनऊ । बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को कहा कि वह अपने विरोधियों को हराने के लिए भाजपा से फिर हाथ मिला सकती हैं । इसके साथ ही बसपा में बगावत पर उन्होंने सपा पर निशाना साधा । वह बोलीं - हमारे सात विधायकों को तोड़ा गया है । सपा की यह हरकत भारी पड़ेगी । हमारी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए सपा के साथ हाथ मिलाया था। लेकिन अब सपा ने हमारे जिन विधायकों को तोड़ने का काम किया है । उन्होंने कहा कि सूबे के एमएलसी चुनाव में सपा को हराने के लिए वह भाजपा को समर्थन देगी ।
बता दें कि राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी रामजी गौतम के खिलाफ उनके ही विधायक बागी हो गए । मायावती का आरोप है कि इन विधायकों ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मिलकर साजिश रची । उन्होंने कहा कि सपा के समर्थन से उतरे प्रकाश बजाज का पर्चा खारिज हो गया है, लेकिन जिस तरह से बसपा विधायकों ने अखिलेश यादव से मुलाकात कर बागी रुख अपनाया है ।
वह बोलीं - एमएलसी के चुनाव में बसपा जैसे को तैसा का जवाब देने के लिए पूरी ताकत लगा देगी । भाजपा को वोट देना पड़ेगा तो भी देंगे, लेकिन एमएलसी के चुनाव में सपा के उम्मीदवार को हराने के लिए पूरा जोर लगाएंगे । मायावती ने कहा कि हमारे 7 विधायकों को तोड़ा गया है । सपा को यह हरकत भारी पड़ेगी ।
विदित हो कि यूपी में 11 विधान परिषद सीटें अगले साल जनवरी में रिक्त हो रही है, इनमें से छह सीटों पर सपा जबकि दो सीटें पर बसपा और तीन सीटों पर भाजपा के सदस्य हैं । यूपी के मौजूदा विधायकों की संख्या के आधार पर 11 विधान परिषद सीटों में से भाजपा 8 से 9 सीटें जीतने की स्थिति में है । वहीं, सपा की एक सीट पर जीत तय है और दूसरी सीट से उसे निर्दलीय सहित अन्य दलों के समर्थन की जरूरत होगी ।
असल में 2018 में हुई विधान परिषद के चुनाव में सपा ने अपनी एक सीट जीतने के साथ-साथ बसपा के भीमराव अंबेडकर को समर्थन देकर एमएलसी बनवाया था, लेकिन इस बार सपा और बसपा के रिश्ते बिगड़ गए हैं । ऐसी स्थिति में मायावती ने साफ किया कि दिसंबर में होने वाले एमएलसी चुनाव में सपा को हराने के लिए वह भाजपा का समर्तन करेगी । हालांकि, बसपा विधायकों ने जिस तरह से बागी रूख अपनाया हुआ है, वैसे में पार्टी के साथ महज से 7 से 8 विधायक ही हैं ।
बसपा ने इन विधायकों को किया निलंबित
- असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती),
- असलम अली (ढोलाना-हापुड़),
- मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद),
- हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज) ,
- हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर),
- सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर)
- वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़)
इतना ही नहीं उनकी सदस्यता को सामाप्त करन के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखने की बात भी मायावती ने कही है।
मायावती ने कहा कि मेरी राम गोपाल यादव से बात हुई, उन्होंने सिर्फ एक सीट पर चुनाव लड़ने की बात कही । इस वार्ता के बाद बसपा ने रामजी गौतम को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया, लेकिन सपा ने हमारे सात विधायकों को तोड़ा और उनसे झूठा हलफनामा दिलाया गया। हम 1995 की घटना को भुलाकर आगे बढ़े । चुनाव में सपा को लाभ नहीं मिला ।