नई दिल्ली । कोरोना काल की दूसरी लहर खत्म होने और तीसरी की आशंकाओं के बीच गुरुवार को दो अच्छी खबरें सामने आई हैं । पहली खबर यह कि अब भारतीय कंपनी जायडस कैडिला ने अपनी कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है । बच्चों के लिए दमदार बताई जा रही इस वैक्सीन में कुछ खास है । असल में यह पहली पालस्मिड DNA वैक्सीन है , जिसे बिना सुईं के लगाया जाएगा । यानी इसे फार्माजेट तकनीक से लगाया जाएगा । इसके साथ ही दूसरी अच्छी खबर यह है कि यूरोपियन यूनियन के कई देशों ने कोविशिल्ड वैक्सीन लगवाने वाले यात्रियों को अपने देश आने की मंजूरी दे दी है ।
बता दें कि कोरोना के दो वैक्सीन देश में बन चुकी हैं , जबकि तीसरी वैक्सीन अब सामने आने वाली है । जायडस कैडिला ने कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D के तीसरे चरण का ट्रायल भी पूरा कर लिया है , जिसमें करीब 28 हजार लोगों ने हिस्सा लिया है । भारत में यह सबसे ज्यादा संख्या में किया गया ट्रायल है । खास बात यह है कि यह डेल्टा वैरिएंटन के लिए भी खासी असरदार बताई जा रही है ।
यह टीका 12 से 18 साल के बच्चों के लिए भी सुरक्षित है । इसे फार्माजेट यानी सुईं रहित तकनीक से बच्चों को लगाया जाएगा । एक अच्छी बात यह भी है कि इस दवा को सहेज कर रखने के लिए बहुत कम तापमान की जरूरत भी नहीं होती । इसे 2 से 8 डिग्री तापमान में भी रखा जा सकता है । इसके ट्रॉयल वाले प्रतिभागियों में कोरोना के मध्यम लक्ष्ण भी नहीं पाए गए हैं ।
वहीं यूरोपियन यूनियन के सदस्य देशों की ओर से एक अच्छी खबर यह है कि अब यूरोप के कई देशों ने भारत में कोविशिल्ड लगवाने वाले लोगों को अपने देश की यात्रा करने की मंजूरी दे दी है । कोविशील्ड (Covishield) को स्वीट्जरलैंड (Switzerland) के अलावा ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड और स्पेन में भी मंजूरी मिल चुकी है ।
बता दें कि यूरोपीय संघ की डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र रूपरेखा गुरुवार से प्रभाव में आएगी जिसके तहत कोविड-19 महामारी के दौरान स्वतंत्र आवाजाही की अनुमति होगी ।