न्यूज डेस्क । मध्यप्रदेश में सोमवार को प्रवासी भारतीय सम्मेलन की शुरुआत हुई । इस दौरान पीएम मोदी ने विभिन्न देशों से आए प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा - ये 'प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन' मध्य प्रदेश की धरती पर हो रहा है, जिसे देश का ह्रदय क्षेत्र कहा जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि करीब चार वर्षों के बाद ये कार्यक्रम हो रहा है । चार वर्षों के बाद मूल स्वरूप में, पूरी भव्यता के साथ लौट रहा है । अपनों के आमने-सामने की मुलाकात का, आमने-सामने की बात का अलग ही आनंद होता है । वह बोले - प्रवासी भारतीय हमारे राजदूत हैं । पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए पूरा संसार ही स्वदेश है । पिछले कुछ सालों से भारत ने जो विकास हासिल की है, वो अभूतपूर्ण है । हमने सभ्यता के समागम के महत्व को समझा ।
आप महाकाल का आशीर्वाद भी लेंगे
पीएम मोदी बोले - हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा शुरू की थी. हम असीम लगने वाले समंदर के पार गए । व्यावसायिक संबंध कैसे साझी समृद्धि के रास्ते खोल सकते हैं, यह भारत ने और भारतीयों ने करके दिखाया ।पीएम मोदी ने कहा, 'आशा करता हूं कि आप सब वहां जाकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद भी लेंगे । वैसे हम सभी जिस शहर में है, वह भी अपने आपमें अद्भुत है. लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है । यह वह दौर है जो समय से आगे चलता है. फिर भी विरासत को समेटे रहता है ।'
इंदौर पूरी दुनिया में लाजवाब
वह बोले - इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में अलग पहचान साबित की है । खाने-पीने के मामले में इंदौर देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लाजवाब है, यहां पोहे का पैशन, कचोरी, समोसे, शिकंजी, जिसने भी इसे देखा, उसके मुंह का पानी नहीं रुका । जिसने इसे चखा, उसने कहीं मुडकर नहीं देखा. 56 दुकान, सराफा प्रसिद्ध है ही। कुछ लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ-साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं । मुझे यकीन है कि आप यहां के अनुभव नहीं भूलेंगे , औरों को भी यहां आने को भेजेंगे । वह बोले - मध्य प्रदेश में मां नर्मदा का जल, यहां के जंगल, आदिवासी परंपरा और यहां का अध्यात्म आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगी।
एक भारत - श्रेष्ठ भारत
पीएम बोले - दुनिया के किसी एक देश में जब भारत के अलग-अलग प्रान्तों और अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं, तो 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का सुखद अहसास होता है। दुनिया के अलग-अलग देशों में जब भारत के लोग एक कॉमन फैक्टर की तरह दिखते हैं, तो 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भावना के साक्षात् दर्शन होते हैं। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा शुरू की थी। हम असीम लगने वाले समंदरों के पार गए। अलग-अलग देशों, अलग-अलग सभ्यताओं के बीच व्यावसायिक संबंध कैसे साझी समृद्धि के रास्ते खोल सकती है, भारत ने करके दिखाया।
सशक्त और समर्थ भारत
दुनिया के अलग-अलग देशों में जब सबसे शांतिप्रिय, लोकतांत्रिक और अनुशासित नागरिकों की चर्चा होती है, तो Mother of Democracy होने का भारतीय गौरव और बढ़ जाता है। हमारे इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है, तो उसे 'सशक्त और समर्थ भारत' की आवाज़ भी सुनाई देती है।
गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली बोले..
इस दौरान गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने मध्यप्रदेश और इंदौर का आभार जताया । उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का धन्यवाद जिन्होंने मुझे इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया । मोहनदास करमचंद गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे । 107 साल पहले शारीरिक रूप से कमजोर दिखने वाले लेकिन मानसिक रूप से दृढ़ गांधी घर लौटे थे । उन्होंने देश को आजाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने कहा..
इसी क्रम में सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने सभा को संबोधित किया । उन्होंने कहा कि जननी और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है । मैं एमपी और भारत सरकार का आभारी हूं, जो आदर-सत्कार मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल को मिला है । यह सम्मेलन हम दोनों देशों के आपसी सहयोग को बढ़ाने में मदद करेगा । संतोखी ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी, आपके नेतृत्व में जी20 निश्चित तौर पर वन प्लानेट, वन फैमिली, वन फ्यूचर की दिशा में काम करेगा. वसुधैव कुटुंबकम के लिए काम करेगा. दुनिया एक परिवार है । मानव जीवन बहुमूल्य है ।