नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट के विस्तार के साथ ही जहां इस बार मंत्रिमंडल में युवा - तकनीकी और समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं को मौका मिला , वहीं कई वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया गया । जहां इनमें से कई को उनके प्रदर्शन के चलते हटाया गया तो कुछ ऐसे थे, जिनका कैबिनेट से बाहर जाना बहुत चौंकाने वाला फैसला था । हालांकि उस दौरान भी संकेत दिए गए थे कि इन्हें संगठन में कोई अहम पद मिल सकता है । अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि कैबिनेट से हटाए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद को जल्द भाजपा में अहम जिम्मेदारी मिलने वाली है । इन दोनों नेताओं को राष्ट्रीय महासचिव अथवा उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इतना ही नहीं कुछ अन्य नेताओं को लेकर खबर है कि उन्हें आने वाले साल में होने वाले विधानसभा चुनावों के प्रभारी की जिम्मेदारी मिल सकती है ।
भाजपा अध्यक्ष ने बुलाई थी बैठक
विदित हो कि आज सुबह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर एक अहम बैठक हुई , जिसमें भाजपा कार्यालय में संगठन के राष्ट्रीय सचिवों ने शिरकत की । इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा हुई। एक घंटे तक चली इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने संगठन की गतिविधियों और पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। इसके बाद पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी के आधिकारिक आवास पर उनसे मुलाकात की और बैठक के बारे में अवगत कराया। इस बैठक के बाद यह बात छनकर आ रही है कि भाजपा के जिन वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट से बाहर किया गया है , उनसे से कुछ को संगठन में अहम पदों के साथ ही अहम जिम्मेदारी मिल सकती है ।
इन नेताओं पर हैं निगाहें
विदित हो कि हाल में जिन केंद्रीय मंत्रियों को कैबिनेट से हटाया गया, उनमें रविशंकर प्रसाद , प्रकाश जावड़ेकर , रमेश पोखरियाल निशंक , हर्षवर्धन को लेकर काफी चर्चा हुई । इनमें जहां जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद केंद्र और संगठन के अहम पदों पर पहले भी रहे हुए हैं । इतना ही नहीं निशंक उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं और हर्षवर्धन भी बतौर भाजपा दिल्ली अध्यक्ष की भूमिका निभा सकते हैं ।
इन राज्यों पर भाजपा की निगाहें
हाल में बंगाल विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद भी निशाने पर आई भाजपा को आने वाले साल में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव को लेकर मैदान में उतरना है । भाजपा ने पिछले कुछ सालों में अपने दिग्गज नेताओं को खोया है , जिनकी भरपाई करना मुश्किल है । इस सबके बाद अब संगठन में कुछ नए चेहरे तो आए हैं , पुराने दिग्गजों को साइड नहीं लगाया जा सकता है । ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा एक नई रणनीति बना रही है , जिसमें भाजपा के इन पुराने दिग्गजों को अहम रोल मिल सकता है ।