लखनऊ । यूपी की योगी सरकार की जनसंख्या नियंत्रण नीति को लेकर इस समय सुबे में सियासी घमासान मचा हुआ है । कई लोगों ने इस नीति की जहां जमकर सराहना की है , वहीं कई लोग ऐसे भी हैं , जो इसके खिलाफ खड़े हो गए हैं । योगी सरकार की इस नीति पर अब विश्व हिंदू परिषद ने भी कुछ सवाल उठाए हैं । दो से ज्यादा बच्चों वालों को सरकारी नौकरियों और सरकारी योजनाओं के लाभ से बाहर करने वाले इस विधेयक को लेकर VHP का कहना है कि इससे आबादी के अनुपात में असंतुलन पैदा होगा ।
असल में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने योगी सरकार के इस विधेयक के दूसरे हिस्सों पर आपत्ति जताई है । उस हिस्से पर जिसमें केवल एक बच्चा पैदा करने वाले दंपती को ज्यादा लाभ देने का प्रावधान है । विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार (Alok Kumar) ने कहा, 'हम जनसंख्या को लेकर कानून लाने के सरकार के कदम का स्वागत करते हैं, क्योंकि जनसंख्या में बढ़ोतरी पूरे देश में एक विस्फोट की तरह है पूरे समाज में जनसंख्या बढ़ोतरी को नियंत्रित करने को लेकर सहमति है। लेकिन इस विधेयक का दूसरा हिस्सा हिंदू और मुस्लिम जनसंख्या अनुपात में असंतुलन पैदा करेगा ।
उन्होंने कहा कि इस बिल में केवल एक बच्चे वाले जोड़े को लाभ देने की बात कही गई है । सरकार को इस पर दोबारा विचार करना चाहिए, क्योंकि यह जनसंख्या में नकारात्मक वृद्धि को बढ़ावा देगा।
विदित हो कि इस विधेयक का ड्राफ्ट राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल ने तैयार किया है। इस विधेयक को कानून का रूप मिला तो राज्य में दो से ज्यादा बच्चे वालों को न तो सरकारी नौकरी में प्रमोशन मिलेगा , न ही नौकरी । इतना ही नहीं ऐसे लोगों को सरकारी योजनाएं के तहत कोई सब्सिडी भी नहीं मिलेगी , न ही सरकारी योजनाओं का लाभ । बात यहां तक ही नहीं है , दो से ज्यादा बच्चे वाले किसी भी स्तर का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे ।
बहरहाल , इस विधेयक को लेकर कई मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति जताई है और इसे विधेयक को एक धर्म विशेष के खिलाफ वाला करार दिया है , जबकि कई मुस्लिम संगठनों के प्रमुखों ने इस विधेयक का स्वागत किया है , लेकिन साथ ही चिंता भी जताई है कि इस विधेयक का धेय किसी का शोषण करना न हो ।