लखनऊ । यूपी में सीरियल ब्लास्ट की साजिश रच रहे दो आतंकियों को लखनऊ से गिरफ्तार करने के बाद एटीएस और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने सुबे में कई जगहों पर छापेमारी को अंजाम दिया है । मिली जानकारी के अनुसार , जांच एजेंसी ने आतंकियों की निशानदेही के आधार पर कानपुर से 2 लोगों समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया है , जिनसे पूछताछ जारी है । ATS द्वारा रविवार को गिरफ्तार किए गए अलकायदा के दोनों संदिग्धों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि नसीरुद्दीन उर्फ मुशीर रिक्शा की बैटरी से बम बना रहा था ।
गिरफ्तार आतंकियों से रक्षा प्रतिष्ठानों की जानकारी
बता दें कि लखनऊ में पकड़े गए आतंकी संगठन अलकायदा के दोनों सदस्यों ने कानपुर का भी दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने प्रमुख रूप से कानपुर के रक्षा प्रतिष्ठानों को लेकर जानकारियां जुटाईं। एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने इन आतंकवादियों के पास से कानपुर के रक्ष प्रतिष्ठानों के नक्शे भी बरामद किए हैं। इसके बाद रक्षा प्रतिष्ठानों में भी सुरक्षा इंतजाम बढ़ा दिए गए हैं।
कानपुर जाकर की थी रेकी
सूत्रों के अनुसार जेहटा बरावन कला दुबग्गा निवासी मिनहाज अहमद और मोहिबुल्लापुर सीतापुर रोड लखनऊ निवासी मसीरूद्दीन उर्फ मुशीर ने कानपुर आकर रक्षा संस्थानों की रेकी भी की थी। इस दौरान करीब आधा दर्जन लोगों ने उनकी मदद की। यहां तक कि इस दौरान उन्होंने जिस मोबाइल व सिम का प्रयोग किया, वह स्थानीय स्तर से ही मुहैया कराए गए थे। इन सूचनाओं के बाद ही जांच टीम ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है , जिनसे पूछताछ जारी है ।
यूपी के अन्य शहरों में आतंकियों की जड़े मजबूत
आतंकवादी संगठन अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद ने लखनऊ के अलावा उन्नाव, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, मेरठ और बरेली जैसे शहरों में अपनी जड़ें मजबूत कर ली हैं। इन सभी शहरों में इसके सदस्यों की मौजूदगी सामने आई है। एटीएस सूत्रों के मुताबिक मुख्य रूप से धार्मिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने के अलावा गिरोह के सदस्यों की नजर देश के रक्षा प्रतिष्ठानों की ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करना है। इसके सबूत आतंकवादियों के पास से मिले नक्शों से होता है।
जेल में बंद खुरासन मॉड्यूल के आतंकियों की निगरानी बढ़ी
लखनऊ में अलकायदा आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद एनकाउंटर में मारे गए खुरासन मॉड्यूल के आतंकी सैफुल्लाह के लखनऊ जेल में बंद साथियों की निगरानी बढ़ा दी गई है। एटीएस उन युवाओं के बारे में भी जानकारी जुटा रही है जिन्हें इस ऑपरेशन के बाद ब्रेन वॉश करने का अभियान चलाया गया था। डीरेडिक्लाइज्ड किए गए युवाओं का काफी समय से पता नहीं है। लखनऊ के दुबग्गा में जहां आतंकियों को गिरफ्तार किया गया वहीं से थोड़ी दूर 8 मार्च 2017 को एटीएस और पुलिस टीम ने 11 घंटे चले एनकाउंटर में आतंकी सैफुल्लाह को मार गिराया था। उसने और उसके साथियों ने भोपाल में ट्रेन ब्लास्ट को अंजाम दिया था। उसके साथी दानिश और आतिफ गिरफ्तार हुए थे जिसके बाद जाजमऊ में पूरी टीम का खुलासा हुआ था।
28 युवाओं को किया था डीरेडिक्लाइज्ड
तत्कालीन आईजी एटीएस रहे असीम अरुण ने लखनऊ और कानपुर मिलाकर आतंकी घटनाओं से स्वप्रेरित 44 युवाओं को डीरेडिक्लाइज्ड किया था। इसमें उनका ब्रेन वॉश कर उन्हें सही रास्ते पर लाने का काम किया गया था। इसमें कानपुर से 28 युवा शामिल थे। हालांकि बाद में इनका क्या हुआ इसे लेकर कोई जानकारी एजेंसी के पास नहीं है। अब इस घटना के बाद से जेल में बंद आरोपितों के अलावा इन युवाओं के बारे में भी पता किया जा रहा है कि यह लोग कहां हैं और क्या कर रहे हैं।