Saturday, April 27, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

द केरल स्टोरी के बाद अब अजमेर 92 फिल्म पर प्रतिबंध की मांग , जानें क्या है इस फिल्म को लेकर विवाद

अंग्वाल न्यूज डेस्क
द केरल स्टोरी के बाद अब अजमेर 92 फिल्म पर प्रतिबंध की मांग , जानें क्या है इस फिल्म को लेकर विवाद

नई दिल्ली । Ajmer 92 Film । बॉलीवुड में इन दिनों एक्शन - रोमांस - सस्पेंस - हॉरर - कॉमेडी या फेमिली ड्रामा मूवी के बजाए देश के कुछ अहम मुद्दों पर बनी फिल्में ज्यादा चर्चाओं में हैं । पहले कश्मीर फाइल्स...फिर द केरल स्टोरी के बाद अब अजमेर 92 फिल्म पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठने लगी है । बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि ये फिल्म देश के लोगों को भ्रमित करने और समाज में फूट डालने वाली है । 

 

बता दें कि फिल्म अजमेर 92 , 250 से ज्यादा लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं पर आधारित है । इस फिल्म को लेकर मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी की दरगाह हिन्दू मुस्लिम एकता की बेहतरीन मिसाल है जो लोगों के दिलों पर सदियों से राज कर रहे हैं । मौलाना ने कहा - जो मुझे जानकारी प्राप्त हुई है कि मौजूदा वक्त में समाज में फूट डालने और नफरत फ़ैलाने जैसी घटनाओं को धर्म के नाम से वाबस्ता करने के लिए फिल्मों और सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है । 

 


मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी  ने कहा - आजादी ए इज़हारे राय के नाम पर किसी फिल्म निर्देशक को ख़्वाजा साहब की दरगाह की तौहीन करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती ।  एक खास धर्म के मानने वालों को निशाना बनाने के लिए फिल्मों का सहारा लिया जा रहा है । वहीं, जमीअतुल उलमा ई हिंद के जनरल सेक्रेटरी नियाज अहमद फारुकी ने कहा कि जिस तरह से फिल्मों के नाम मुसलमानों को लेकर रखे जा रहे हैं वह सिर्फ और सिर्फ आपसी भाईचारे को खत्म करना चाहते हैं और मजहब के बीच में दीवार खड़ी करना चाहते हैं । 

जमीअतुल उलमा ई हिंद के जनरल सेक्रेटरी नियाज अहमद फारुकी  ने कहा कि किसी एक मजहब को टारगेट करना सरासर गलत है । हम फिल्म का विरोध नहीं कर रहे हैं ।  हम सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि अगर कानून में इसकी जो भी दलील हो उसके हिसाब से इस फिल्म को बैन कर देना चाहिए । 

 

Todays Beets: