नई दिल्ली । युद्ध की कगार पर पहुंच चुके अमेरिका-ईरान के हर रुख पर अंतरराष्ट्रीय समुदायर की नजर जमी हुई है । मंगलवार देर रात ईरान द्वारा अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले किए जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑल इज वेल कहा था । इसके साथ ही उन्होंने अगली सुबह (भारतीय समयानुसान बुधवार देर शाम और रात ) बयान देने की बात कही । इसके बाद बुधवार रात ट्रंप मीडिया के सामने आए और उन्होंने देश को संबोधित करते हुए साफ किया ईरान के हमले में किसी अमेरिकी को कोई नुकसान नहीं हुआ है । जबकि ईरान की मीडिया ने 80 लोगों के मारे जाने का दावा किया था । वहीं अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हुए हमले में भी कोई खास नुकसान नहीं हुआ है । हमारे सैन्य ठिकानों को सिर्फ मामूली नुकसान हुआ है, लेकिन मैं यहां साफ कर दूं कि हम ईरान को परमाणु ताकत नहीं बनने देंगे । हम ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाएंगे । इस दौरान उन्होंने ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को आतंकवादी करार देते हुए उसे मार गिराने की बात कही ।
बुधवार रात करीब 9.55 पर मीडिया को संबोधित करते हुए ट्रंप काफी गंभीर मुद्रा में नजर आए। उनकी तल्ख बयानबाजी के साथ चेहरे के भाव भी काफी तीखे दिखे । उन्होंने कहा ईराकी जनरल सुलेमानी अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर बड़े हमले की तैयारी में था । उन्होंने कहा कि इसी के चलते हमने अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुलेमानी को मार गिराया था । सुलेमानी को तो पहले ही मार देना चाहिए था । हम बगदादी को भी मार कर दिखाएंगे ।
इस दौरान ट्रंप ने कहा कि ईरान को परमाणु ताकत बनने का सपना छोड़ देना चाहिए । इस दौरान उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ ईरान को भी साथ आना चाहिए । इतना ही नहीं रूस , चीन ,फ्रांस , ब्रिटेन को साथ देना चाहिए । इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि हमें मिडिल ईस्ट के तेल की जरूरत नही है । हम दुनिया में नंबर 1 तेल उत्पादक देश हैं । अमेरिका आत्मनिर्भर देश है । लेकिन समझना चाहिए कि ईरान की हिंसा से खाड़ी में शांति नहीं आएगी ।
बता दें कि ईरान के अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर किए गए हमले पर पूर्व में पेंटागन के मुख्य प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने स्थिति को लेकर बयान जारी किया । हमले के बाद पेंटागन ने कहा कि यह अभी भी नुकसान का आकलन कर रहा है । इससे पहले भी अमेरिका की ओर से आए एक बयान में कहा गया था कि - अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्देश पर विदेश में रह रहे अमरीकी सैन्यकर्मियों की रक्षा के लिए कासिम सुलेमानी को मारने का कदम उठाया गया है । यह हवाई हमला भविष्य में ईरानी हमले की योजनाओं को रोकने के मकसद से किया गया. अमेरीका अपने नागरिकों की रक्षा के लिए, दुनियाभर में भी चाहे वे जहां भी हैं, सभी आवश्यक कार्रवाई करना जारी रखेगा। "