नई दिल्ली । देश में इन दिनों मुगलों के फोलोवर्स को लेकर बहस छिड़ी हुई है । अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद से जारी यह बहस इन दिनों तेज हो गई है । वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद तो मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद , आगरा में ताजमहल और दिल्ली में कुतुबमीनार - जामा मस्जिद के साथ ही कई मस्जिदों को लेकर दावों पर बहस जारी है ।
इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों को लेकर अपनी नई टिप्पणी से बवाल खड़ा कर दिया है । ओवैसी ने ये सवाल किया है कि मुगलों का भारत के मुसलमानों से कोई रिश्ता नहीं है, लेकिन ये बताओ कि मुगल बादशाहों की बीवियां कौन थीं । ओवैसी की इस पोस्ट ने ही नया हंगामा खड़ा कर दिया है ।
असल में इन दिनों वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद का मामला वाराणसी की जिला कोर्ट में चल रहा है , जिस पर आज फैसला आना है । इसके अलावा मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद पर दावेदारी का मामला भी कोर्ट तक पहुंच गया है । इसी क्रम में दिल्ली के कुतुब मीनार और आगरा के ताजमहल के बंद पड़े 22 कमरों को खुलवाने की मांग की जा रही है । इन सभी के कारण इन मामलों को इतिहास और मुगल काल से जोड़ कर देखा जा रहा है ।
इस सबके बीच ही एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने अपने फेसबुक पोस्ट में इतिहास और मुगलकाल को लेकर बड़ा दावा किया है । ओवैली ने पोस्ट करते हुए सवाल दागा है कि भारत के मुसलमानों का मुगलों से कोई रिश्ता नहीं है , लेकिन इन मुगलों की बीवियां कौन थीं ।
इस क्रम में ओवैसी ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, आरएसएस की शाखाओं से अलग मदरसे स्वाभिमान और सहानुभूति सिखाते हैं, लेकिन ये बात अनपढ़ संघी नहीं समझ पाएंगे । ओवैसी ने सवाल किया कि हिंदू समाज सुधारक राजा राम मोहन राय मदरसे में क्यों पढ़ते थे? उन्होंने आरएसएस पर मुसलमानों को निशाना बनाए जाने पर कहा कि मुस्लिम वंश पर ध्यान देना आपकी हीन भावना को दर्शाता है । देश के मुसलमानों ने भारत को समृद्ध बनाया है और आगे भी मुसलमान ऐसा करते रहेंगे ।
बहरहाल , ओवैसी की इस पोस्ट के बाद उन्होंने मुगलों से अपने नाते के बारे में कहीं न कहीं नया राग अलाप दिया है , जिसे लेकर टिप्पणियों का दौर शुरू होने लगा है । वहीं सोशल मीडिया पर उन्हें करारे जबाव भी मिल रहे हैं ।