ढाका।
बांग्लादेश में पत्रकार की गिरफ्तारी का एक अजीबो—गरीब मामला सामने आया है। इस पत्रकार को एक मरी हुई बकरी की रिपोर्टिंग करने पर गिरफ्तार किया गया। इतना ही नहीं उस पर मानहानि का मुकदमा भी दर्ज किया गया है। अब बांग्लादेश में इस पत्रकार को रिहा करने की मांग जोर पकड़ रही है। द कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने प्रशासन से कहा है कि अब्दुल लतीफ ने ऐसा कुछ गलत नहीं किया जिसके लिये उन्हें सजा भुगतनी पड़े।
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जानकारी के अनुसार, बांग्लादेशी पत्रकार अब्दुल लतीफ मॉरोल को पुलिस ने मरी हुुई बकरी की रिपोर्टिंग करने के आरोप में ढाका से गिरफ्तार किया था। दरअसल, बांग्लादेश में मत्स्य पालन और पशुधन राज्यमंत्री नारायण चंद्र चंदा ने 30 जुलाई को गरीबों को बकरियां दान में दी थीं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक दान में दी बकरियों में से एक की मौत हो गई थी। इसके बाद पत्रकार अब्दुल लतीफ ने एक फेसबुक पोस्ट लिखी। उसमें उन्होंने लिखा, सुबह राज्य मंत्री द्वारा दी गई बकरी शाम को मर जाती है। इस पोस्ट के बाद पुलिस ने मॉरोल को गिरफ्तार कर लिया।
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पुलिस का दावा है कि मॉरोल ने चंदा को फेसबुक पर अपमानजनक पोस्ट करके बदनाम किय। इसके लिए उनपर मानहानि का केस दर्ज किया गया। पत्रकार की गिरफ्तारी पर द कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने वाशिंगटन डीसी में एक कार्यक्रम में कहा कि एक मरी हुई बकरी की मौत की रिपोर्ट करने के लिए एक पत्रकार को गिरफ्तार करना बेतुका है और उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
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