पटना । बिहार में पिछले कुछ दिनों से जारी सियासी घमासान अब अपने चरम पर पहुंच गया है । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में फूट की खबरों के बीच सूचना मिली है कि सीएम ने राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा है । यह खबर भी ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस और लेफ्ट ने नीतीश कुमार को समर्थन देने की बात कह दी है , जबकि राष्ट्रीय जनता दल ने आधिकारिक तौर पर समर्थन का ऐलान नहीं किया है , लेकिन मौन समर्थन नजर आ रहा है । इस बीच पटना में भाजपा विधायक दल की बैठक जारी है । सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने अब नीतीश कुमार की रणनीति के बाद ही कोई प्रतिक्रिया देने का फैसला लिया है । हालांकि 1.30 बजे भाजपा की प्रेस वार्ता होनी है । इस बीच खबर है कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने फिर से बन रहे महागठबंधन में साथ आने पर गृहमंत्रालय अपने पास रखने की बात रखी है ।
नीतीश कुमार लगातार कर रहे बातचीत
विदित हो कि नीतीश कुमार पिछले कुछ समय में कमजोर पड़े हैं , उनके पास सिर्फ 45 विधायक हैं , जबकि उन्हें अगर भाजपा से अलग होकर सरकार बनानी है तो उन्हें दूसरे दलों की मदद लेनी ही होगी । इस सबके चलते ही इन दिनों वह सभी नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं । खबर मिली थी कि पिछले दिनों उन्होंने सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी । वह खबर यह भी है कि मौजूदा घटनाक्रम को लेकर उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से फोन कर बात की है ।
कुछ ऐसा है अभी राजनीतिक समीकरण
विदित हो कि आज जदयू - राजद के विधायकों और सांसदों की अलग-अलग बैठक होगी । इसमें कुछ अहम निर्णय लिए जा सकते हैं । ऐसी खबरें हैं कि कुछ मुद्दों को लेकर सीएम नीतीश कुमार कुछ मुद्दों पर नाराज हैं । वहीं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने दावा किया कि एनडीए यानी गठबंधन में सब कुछ ठीक है और कुछ मुद्दों को लेकर नाराजगी है जिन्हें दूर कर लिया जाएगा । इसके अलावा कांग्रेस ने कहा है कि अगर ऐसी कोई परिस्थिति पैदा होती है तो वह समर्थन देने को तैयार है ।
सोनिया से मिल चुके हैं नीतीश
कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने मौजूदा घटनाक्रम पर कहा कि वह निजी तौर पर सीएम नीतीश कुमार को पसंद करते हैं । हालांकि पिछले दिनों यह भी दावा किया गया कि सीएम नीतीश कुमार ने बीते दिनों कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी । दूसरी ओर वाम दलों ने सोमवार को कहा कि बीजेपी को छोड़कर यदि सत्ता में आने के लिए कोई गठबंधन बनता है तो वे उसका स्वागत करेंगे । बिहार में 12 विधायकों वाले सबसे बड़े वाम दल भाकपा-माले ने कहा कि यदि जदयू भाजपा का साथ छोड़कर नए गठबंधन से जुड़ता है तो वह ‘‘मदद का हाथ बढ़ाएगा।
भाजपा - जदयू के बीच यहां से शुरू हुआ विवाद
बता दें कि नीति आयोग की बैठक से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूर रहने तथा केंद्रीय मंत्रिपरिषद में अपना कोई प्रतिनिधि नहीं भेजने की उनकी पार्टी JDU की रविवार की घोषणा के बाद दोनों दलों (BJP एवं JDU) के संबंधों में तनाव आ गया है । इससे पहले जातीय जनगणना, जनसंख्या नियंत्रण, अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना पर दोनों दलों की राय भिन्न रही है ।
नीतीश के विश्वासपात्र बोले - राजग में संकट नहीं दिख रहा
नीतीश के विश्वासपात्र माने जाने वाले राज्य के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मुझे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में संकट नहीं दिख रहा है । मुख्यमंत्री ने अपना जनता दरबार कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई मंत्री मौजूद थे. जदयू के विधायकों की बैठक एक वरिष्ठ नेता के पार्टी से बाहर निकलने के नतीजों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई है।’’