लखनऊ । लोकसभा चुनावों को लेकर बनाया गया सपा-बसपा गठबंधन ने आखिरकार अंतिम सांसें ले ली हैं । बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपना रुख साफ करते हुए एक ट्वीट किया । मायावती ने लिखा कि पार्टी के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी । उन्होंने कहा कि बसपा की आल इण्डिया बैठक रविवार को लखनऊ में हुई थी, जो ढाई घण्टे तक चली । इसके बाद देर रात तक राज्यवार बैठकों का दौर चला । इस दौरान मीडिया मौजूद नहीं थी, फिर भी जो बातें मीडिया में आईँ, वह पूरी तरह ठीक नहीं है।
वहीं सपा नेता ने मायावती के इस रुख पर कहा कि हम खुद अब गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेंगे । मायावती हम पर आरोप लगा रही हैं, जबकि वह शून्य से 10 सीटों तक पहुंच गई हैं। इसी क्रम में राज्य के उपमुख्यमंत्री कैशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह तो होना ही था। हमने पहले ही कहा था कि यह ठगबंधन है, जो लोकसभा चुनावों के बाद टूट जाएगा।
इससे इतर गठबंधन को लेकर मायावती ने कहा- वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया। लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके भाजपा को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है । पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी ।