नई दिल्ली। आरएसएस और भाजपा नेताओं ने कहा कि रांची के मिशनरीज आॅफ चैरिटी के केंद्रों से बच्चे बेचने की बात सच साबित होती है तो दिवंगत मदर टेरेसा को दिए गए भारत रत्न सम्मान को वापस ले लेना चाहिए। मदर टेरेसा को सामाजिक कार्य के लिए भारत रत्न सम्मान दिया गया था। आरएसएस के दिल्ली प्रचार प्रमुख राजीव तुली ने कहा कि मिशनरीज आॅफ चैरिटी के खिलाफ अरोप सही साबित होते हैं तो सम्मान वापस ले लेना चाहिए। तुली ने कहा कि लोग चाहते हैं कि भारत रत्न पर कोई दाग नहीं लगे। सुब्रमणियम स्वामी ने भी तुली की मांग का समर्थन किया है। गौरतलब है कि मदर टेरेसा को 1980 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उस समय भी बहुत से लोग उनके समर्थन में बात करते थे और बहुत से लोग उनका विरोध करते थे। मदर टेरेसा को पिछले साल वेटिकन से संत की उपाधि मिली है। तुली ने कहा कि मदर टेरेसा ने कभी भी लोक कल्याण के लिए काम नहीं किए। सुब्रमणियम स्वामी का कहना है कि वे तुली के मांग की समर्थन करते हैं। ब्रिटिष लेखक क्रिस्टोफर की किताब-द मिशनरी पोजीशनः मदर टेरेसा थ्योरी एंड प्रैक्टिस में विस्तार से टेरेसा की जालसाजी के बारे में बताया गया है। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मदर टेरेसा और उनके द्वारा स्थापित संस्था को दुर्भावनावश बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
दरअसल, इस साल मई में मिशनरीज आॅफ चैरिटी के होम से नवजात शिशु को एक दंपति ने 1.20 लाख रुपये खरीदा। दंपति ये रकम नवजात के चिकित्सा और देखभाल के एवज में ली गई। दंपति का आरोप है कि संस्था ने औपचारिकता पूरी करने के नाम पर बच्चे को लिया फिर वापस नहीं किया। इसके बाद दंपति ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से इसकी शिकायत कर दी। इस तरह यह मामला सामने आया है।