बीजिंग । कोरोना काल में वायरस को लेकर दुनियाभर के देशों की नजरों में किरकिरी बने चीन की हर गतिविधि पर अब नजर रहती है । लेकिन सोमवार को चीन की राजधानी में बीजिंग (Beijing) में एकाएक कुछ ऐसा हुआ कि लोग दहशत में आ गए । दिन के समय ही वहां बिना मौसम बदले अंधेरा छा गया । लोग अपने घरों में डरकर छिप गए । सड़कों पर सन्नाटा पसर गया । दोपहर में ही स्ट्रीट लाइट जलानी पड़ी । वहीं अपने वाहनों में सवार लोगों को अपने वाहनों की लाइट जलानी पड़ गई। लोगों को कुछ नजर नहीं आ रहा था । इस सबके चलते प्रशासन ने शहर में 'यलो अलर्ट' जारी किया है । जानकारों ने इसे बीजिंग में आया सैंडस्टॉर्म करार दिया है। इसके चलते 400 फ्लाइट रद्द कर दी गई हैं।
विदित हो कि सोमवार को बीजिंग में एकाएक आसमान बिना बादल के काला नजर आने लगा । कुछ ही देर में बीजिंग शहर में दृश्यता इतनी कम हो गई कि लोगों को सामने देखने के लिए लाइट जलानी पड़ी । आलम यह था कुछ जगहों पर कुछ लोगों के वाहन भी आपस में टकरा गए ।
मौसम विभाग ने इसे बीजिंग में पिछले 10 सालों का सबसे खतरनाक सैंडस्टॉर्म (Sandstorm) करार दिया है । प्रशासन के अनुसार , इस रेतीले तूफान के चलते बीजिंग शहर में दृश्यता बेहद कम हो गई थी । शहर पीले रंग की हल्की रोशनी में ढंक गया । हवा में धूल के कणों के कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 पार गया । चिकित्सकों ने स्वास्थ्य के लिहाज से इन हालात को बेहद खतरनाक बताया है ।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बालू का तूफान मंगोलिया के पठारों से उड़ी धूल के चलते आया है । चाइना मेटरोलॉजिकल एडमिनिस्ट्रेशन ने सोमवार को बीजिंग और आसपास के इलाके में यलो अलर्ट जारी किया है। उनका कहना है कि चीन में धूल भरी आंधी की बड़ी वजह पेड़ों की अंधाधुंध कटाई है। पेड़ों की कमी और धूल भरी आंधी के चलते बीजिंग में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है ।
मौसम विभाग के अनुसार , पिछले एक दशक में उन्होंने ऐसा सैंडस्टॉर्म नहीं देखा । यह बालू का तूफान है। बीजिंग के छह डाउनटाउन जिलों में PM10 की सांद्रता 8,100 से अधिक हो गई, जबकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 और दृश्यता 1,000 मीटर से कम हो गई ।
वहीं आंकड़ों से सामने आया है कि इस बालू के तूफान के चलते बीजिंग से 2 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर 400 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गई हैं ।