नई दिल्ली । चीन ने एक बार फिर से आतंकवाद के प्रति अपना समर्थन खुलकर जाहिर किया है । असल में संयुक्त राष्ट्र (Unites Nations) में अमेरिका और भारत की ओर से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के साजिद मीर को 'वैश्विक आंतकवादी' घोषित किए जाने का प्रस्ताव लाया गया । हालांकि इस प्रस्ताव पर चीन ने अड़ंगा लगाकर प्रस्ताव को रोक दिया है । साजिद मीर भारत का मोस्टवांटेड आतंकवादी है और 2008 के मुंबई हमलों में शामिल था ।
अमेरिका ने पेश किया था प्रस्ताव
विदित हो कि United Nation security council के सामने अमेरिका ने लश्कर के आतंकी साजिद मीर को ब्लैक लिस्ट में डालने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था । अमेरिका के इस प्रस्ताव का भारत ने भी समर्थन किया था । बता दें कि साजिद मीर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का शीर्ष कमांडर है और लश्कर-ए-तैयबा के 'इंडिया सेटअप' का प्रभारी है ।
चीन का आतंकियों को समर्थन जारी
असल में पाकिस्तान पोषित आतंकवाद का चीन पहले से समर्थन करता आया है , क्योंकि आतंकवाद ने लंबे समय तक भारत की नींव खोखली की है । वहीं चीन , पाकिस्तान पोषित इन आतंकियों का लंबे समय से बचाव करता आया है । कई ऐसे मौके सामने आए हैं जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तानी आतंकियों को ब्लैक लिस्ट करने का प्रस्ताव आया हो , लेकिन चीन ने अपने वीटो का इस्तेमाल कर इन आतंकियों की मदद की । जून में चीन ने आखिरी मौके पर एक और पाकिस्तानी आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव में भी बाधा डाली थी । चीन मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी वाले प्रस्ताव में भी बाधा बना था । मसूद को साल 2016 में हुए पठानकोट आतंकी हमले के बाद से ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रयास किए गए थे, लेकिन साल 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया जा सका था ।
मुंबई टेरर अटैक का मास्टरमाइंड है साजिद
आपको बता दें कि साजिद मीर मुंबई टेरर अटैक (26 नवंबर, 2008) के मास्टरमाइंड में से एक है । वह अब तक के सबसे बड़े विदेशी लश्कर-ए-तैयबा आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार था, जिसके परिणामस्वरूप भारत और पश्चिमी देशों सहित कई देशों के नागरिकों की मौत हुई थी । इस हमले में 175 लोग मारे गए थे , जिसमें 18 पुलिस वाले भी थे ।