बीजिंग।
चीन ने आतंकवादी मसूद अजहर को एक बार फिर बचाया है। चीन ने इस आतंकी को संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में डालने की रहात में अडंगा लगा दिया है। जानकारी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र अपनी ग्लोबल टेरेरिस्ट सूची में जैश—ए—मोहम्मद के सरगान मसूद अजहर का नाम डालना चाहता था, लेकिन चीन ने इसमें टेक्निकल रोड़ा अटकाते हुए रोक को तीन महीने और बढ़ा दिया है। संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए अमेरिका की ओर से प्रस्ताव लाया गया था।
सूत्रों ने बताया कि चीन संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने पर अभी फैसला लेने को तैयार नहीं है। इस संबंध में लंबित अर्जी पर चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि समय आने पर फैसला लिया जाएगा। इस साल की शुरुआत में चीन ने इस अर्जी पर तकनीकी रूप से छह महीने के लिए रोक लगाई थी। इसकी जल्द ही समीक्षा होने की उम्मीद है।
बता दें कि मसूद अजहर पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड है। इस समय भारत और चीन के बीच सीमा विवाद चल रहा है, ऐसे में मसूद अजहर का पक्ष लेने पर भारत और चीन के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
अमेरिका—ब्रिटेन—फ्रांस लाए थे प्रस्ताव
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने दुर्दांत आतंकी को काली सूची में डालने के लिए सुरक्षा परिषद की आतंकरोधी समिति (1267) के समक्ष प्रस्ताव पेश किया था। चीन ने साल के शुरुआत में तकनीकी आधार पर छह माह के लिए रोक लगा दी है। यह मियाद जल्द ही खत्म होने वाली है। लिहाजा, इसे अगस्त में अंत में फिर से समिति के समक्ष पेश किए जाने की संभावना है। इससे पहले भारत ने पिछले साल मार्च में मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया था। 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के 14 देशों ने भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया था।