नई दिल्ली । तिब्बत में सीमा विवाद को लेकर पिछले कुछ माह से चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच दोनों देशों के बीच कई स्तर की बातचीत हो चुकी है । इस सबके बीच बैठकों में तय हुआ है कि चीन अपने मौजूदा स्थिति से पीछे हटेगी लेकिन हाल में सूत्रों के हवाले से जो खबर मिल रही है , उसके अनुसार , चीनी सेना सिर्फ बातें बना रही है और वादा तोड़ते हुए वह अभी भी पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पास फिंगर-5 के करीब से नहीं हटी है । यह स्थिति तब है जब पिछले दिनों आला अफसरों की बैठक में इस पर ।हमति बन गई थी कि चीनी सैना यहां से पीछे हटेगी ।
विदित हो कि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने हाल में एक बयान में कहा था कि भारत और चीन के पश्चिमी क्षेत्र से सैनिकों की तैनाती कम करने पर सहमत हुए हैं । दोनों देशों ने चीन-भारत सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में तनाव कम करने और सैनिकों की संख्या में कमी करने पर सहमति दर्शाई है । हमें उम्मीद है कि भारत सहमति पर आगे बढ़ने में चीन के साथ काम करेगा ।
मिली जानकारी के अनुसार , भले ही चीन ने उसे दौरान बैठक में तनाव कम करने की गतिविधियों को अंजाम देने और पीछे हटने पर सहमति जताई हो लेकिन वह ऐसा कर नहीं रहा है । चीन ने अपने सैनिकों में कमी जरूर की है, लेकिन वह बहुत कम है।
बता दें कि 14 जुलाई को दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों के बीच लगभग 15 घंटे तक बातचीत हुई थी । इस दौरान, भारत ने चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को ‘रेड लाइन्स’ के बारे में अवगत कराया था और चीन ने सेना हटाने पर सहमति भी जताई थी ।
बता दें कि भारतीय और चीनी सेनाएं 5 मई से पूर्वी लद्दाख के कई हिस्सों में आमने-सामने हैं । गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है । इसके बाद कई स्तर की बैठकें हुई हैं । चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी PLA ने भारत के कड़े विरोध को देखते हुए पहले ही गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और गलवान घाटी से अपने सैनिकों को वापस बुलाया । पिछले हफ्ते पैंगोंग एरिया में फिंगर- 4 की रिज लाइन यानी चोटी पर भी अपने सैनिकों की मौजूदगी को काफी कम कर दिया है। लेकिन अभी तक सैना को पूरी तरह से नहीं हटाया गया है ।