नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार के उल्लंघन से जुड़ी रिपोर्ट देने के बाद अब अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआइए ने भी भारत को एक बड़ा झटका दिया है। सीआईए ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल को धार्मिक उग्रवादी संगठन तथा आरएसएस को राष्ट्रवादी संगठन बताया है। खबरों के अनुसार अमेरिकी खुफिया एजेंसी के इस कदम से दोनों ही संगठन काफी नाराज हैं और इस टैग को हटाने के लिए कानूनी रास्तों को अपनाने का विचार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि सीआईए द्वारा जारी वर्ल्ड फैक्ट बुक में विहिप और बजरंग को ‘राजनीतिक दवाब समूह’ की श्रेणी में शामिल किया गया है। सीआईए की फैक्टबुक में विहिप और बजरंग दल के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख एक ‘राष्ट्रवादी संगठन’ के तौर पर किया गया है। बता दें कि सीआईए ने अपनी इस सूची में कश्मीर के संगठन ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को एक अलगाववादी समूह बताया गया है। इसी तरह जमीयत उलेमा-ए-हिंद को एक ‘धार्मिक संगठन’ के तौर पर शामिल किया गया है।
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यहां बता दें कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के द्वारा वल्र्ड फैक्टबुक हर साल प्रकाशित किया जाता है। इस बुक में दुनिया के 267 देशों-क्षेत्रों के इतिहास, लोगों, सरकार, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, भूगोल, संचार, यातायात, सेना और कई अन्य मसलों पर जानकारी दी जाती है। बताया जा रहा है कि विश्व हिंदु परिषद और आरएसएस ने अमेरिका की खुफिया एजेंसी द्वारा दिए गए इस टैग से काफी नाखुश हैं और दोनों ही संगठन इस टैग को हटाने के कानूनी रास्तों को अपनाने पर विचार कर रहे हैं।