Monday, April 29, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

डिफाॅल्टरों के नाम सार्वजनिक नहीं करने पर सीआईसी सख्त, पीएमओ और आरबीआई को लगाई फटकार

अंग्वाल न्यूज डेस्क
डिफाॅल्टरों के नाम सार्वजनिक नहीं करने पर सीआईसी सख्त, पीएमओ और आरबीआई को लगाई फटकार

नई दिल्ली। सरकारी बैंकों से कर्ज लेकर जानबुझकर उसे न लौटाने वालों के नाम सार्वजनिक नहीं करने पर केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने प्रधानमंत्री कार्यालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को कड़ी फटकार लगाई है। सीआईसी ने एक बार फिर जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले लोगों के नाम का खुलासा करने और बैड लोन पर रघुराम राजन के पत्र को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है। सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने अपने आदेश में कहा कि यदि किसी वजह के आधार पर पीएमओ उनके नाम सार्वजनिक नहीं करता है तो उसे ऐसा करने के पीछे की वजह बताना चाहिए।

गौरतलब है कि सूचना आयुक्त ने संदीप सिंह द्वारा आरटीआई के तहत दायर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पीएमओ द्वारा पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के पत्र पर की गई कार्रवाई का खुलासा नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह कानून के भी खिलाफ है। बता दें कि संदीप सिंह के द्वारा दायर याचिका में बैंकों के कर्ज जानबूझकर नहीं चुकाने वालों के नाम की जानकारी मांगी गई है।


ये भी पढ़ें - भाजपा की 5वीं सूची में बड़ा फेरबदल, अब यूनुस खान उतरेंगे सचिन पायलट के खिलाफ 

यहां बता दें कि केंद्रीय सूचना आयोग इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने और आयोग के निर्देश के बावजूद डिफाल्टरों के नाम नहीं बताने पर रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल को कारण बताओ नोटिस जारी कर चुका है।  सूचना आयुक्त ने कहा कि पीएमओ किसी भी नागरिक को उसके अधिकार से वंचित नहीं कर सकता है। वहीं पीएमओ की ओर से कहा गया है कि आरटीआई आवेदन मूल रुप से पीएमओ के साथ दायर नहीं की गई थी ऐसे मंे सूचना नहीं दी जा सकती है और इस पर सूचना आयुक्त के आदेश का पालने करने का प्रश्न ही नहीं उठता है।

Todays Beets: