नई दिल्ली । कांग्रेस वर्किंग कमेटी की शनिवार को हुई बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जी 23 से जुड़े नेताओं को जमकर नसीहत दी । हालांकि इस दौरान यह बात भी सामने आई है कि जिन नेतृत्व परिवर्तन और पार्टी के चुनावौं के मुद्दों को लेकर कांग्रेस के कई नेता बागी हो रहे हैं , वह चुनाव आगामी वर्ष यानी 2022 के सितंबर में हो सकते हैं । CWC की इस बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि पूर्ण संगठनात्मक चुनावों का कार्यक्रम आपके सामने है , 30 जून 2021 को चुनावी रोडमैप को अंतिम रूप दिया गया था , लेकिन कोरोना के चलते चुनाव नहीं हो पाए । इस बैठक के दौरान जी23 नेताओं में शुमार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी पर पूरा भरोसा जताने की बात कही ।
कांग्रेस संगठन को दोबारा खड़ा करना चाहता है
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यू सी के ओपनिंग भाषण में जी23 के नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि वो कांग्रेस की पूर्ण कालिक अध्यक्ष हैं । उनके साथ मीडिया के जरिए बात न की जाए । इस दौरान उन्होंने कहा - गत जून में चुनावों की पूरी योजना बन गई थी , लेकिन कोरोना के चलते चुनाव नहीं हो पाए । अब आप लोग ही चुनाव का समय तय करें , पार्टी में किसी एक की नहीं चलेगी । उन्होंने कहा कि हमें संगठन को दोबारा से खड़ा करना है । लेकिन इसके लिए एकता और पार्टी के हितों को सर्वोपरि रखना होगा । इस दौरान उन्होंने पार्टी नेताओं को आत्म नियंत्रण और संयम में रहने को कहा ।
राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद चुनाव
इस बीच खबर है कि पार्टी ने फैसला लिया है कि आगामी विधानसभा चुनावों के बाद अगले साल यानी सितंबर 2022 में पार्टी के अंदरूनी चुनाव करवाए जा सकते हैं । असल में 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था । तब से लेकर अब तक कोई भी स्थाई अध्यक्ष नहीं चुना गया है । सोनिया गांधी ही अस्थाई अध्यक्ष बनी हुई हैं ।
अर्थव्यवस्था का बोझ बड़ा संकट
इस बीच सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ सालों में आम लोगों की हत्याएं बढ़ गई हैं । उन्होंने कहा कि इस समय देश की अर्थव्यवस्था पर बड़ा बोझ आ गया है । दिनों दिन बढ़ती तेल की कीमतों ने आम आदमी को प्रभावित किया है । उन्होंने कहा कि मौजूदा अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार के पास एक ही योजना है कि वह दशकों पुरानी सरकारी संपत्तियों को बेच दे।
भाजपा की मानसिकता
इस बैठक में लखीमपुर खीरी का मुद्दा भी उछला , सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना भाजपा की मानसिकता को दर्शाती है । सामने आ गया है कि वह किसानों के आंदोलन को किस तरह देख रहे हैं । किसान तीनों काले कानूनों को हटाने के लिए संघर्ष कर रहा है लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है ।