मुंबई । महाराष्ट्र में राज्यपाल के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी फ्लोर टेस्ट का आदेश जारी होने के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया । ठाकरे ने ठीक उस समय फेसबुक लाइव के जरिए अपने इस्तीफे का ऐलान किया , जिस समय बागी विधायक गुवाहाटी से गोवा एयरपोर्ट पर उतरे । इस बीच बागी विधायकों में से एक दीपक केसरकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे के सीएम पद से इस्तीफा देने की खबर से वे लोग भी खुश नहीं है । हम आज भी उद्धव साहेब के प्रति अपनी श्रद्धा को बरकरार रखते हैं , लेकिन दूरी भी साहेब की ओर से ही बनी । मैं उनका काफी करीबी था लेकिन मुझे भी मिलने के लिए 6-6 महीने का समय लग रहा था । इस दौरान उन्होंने शरद पवार पर तंज कसते हुए कहा कि पवार साहेब उन्हें मिलने से रोक रहे थे ।
एनसीपी चाहती है शिवसेना में फूट हो
बागी विधायकों ने उद्धव ठाकरे के इस्तीफा दिए जाने पर कोई खुशी की प्रतिक्रिया न देते हुए कहा कि सीएम का इस्तीफा देना खुशी की बात नहीं है । असल में बागी विधायक शुरू से ही उद्धव ठाकरे से नाराज नहीं थे बल्कि उनके निशाने पर संजय राऊत और एनसीपी प्रमुख शरद पवार रहे । उनका कहना था कि हम नहीं चाहते कि हमारा साथ ठाकरे साहेब से छूटे , लेकिन शिवसैनिकों को ही अपने नेता से मिलने नहीं दिया जा रहा था । 6-6 महीने तक वह पार्टी विधायकों से नहीं मिल पाए थे । असल में शिवसेना के इन बागी विधायकों के सामने अब दोबारा महाराष्ट्र में लौटने पर अपने समर्थकों और शिवसैनिकों को यह बात भी बतानी होगी कि आखिर इस पूरे घटनाक्रम में कौन गलत रहा । यह ऐसे समय में ज्यादा जरूरी हो जाएगा क्योंकि जिन शरद पवार को ये बागी विधायक दोषी मान रहे हैं , उन्हें उद्धव ठाकरे ने क्लीन चिट दी है । वहीं बागी विधायकों का कहना है कि एनसीपी चाहती है कि शिवसेना में फूट हो , जिसमें वह कामयाब भी हो गए ।
संजय राउत का ट्वीट
इस बीच राज्यसभा सांसद और शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने ट्वीट करते हुए सीएम उद्धव ठाकरे के इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया दी । उन्होंने ट्वीट करके लिखा - मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने अत्यंत शालीनता से पदत्याग किया । हमने एक संवेदनशील, सभ्य मुख्यमंत्री खो दिया । इतिहास गवाह है कि धोखाधड़ी का अंत अच्छा नहीं होता । ठाकरे जीते , यह शिवसेना की शानदार जीत की शुरुआत है । लाठियां खाएंगे,जेल जाएंगे, पर बालासाहेब की शिवसेना को दहकती रखेंगे!