Saturday, April 27, 2024

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सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देना इस पार्टी के नहीं उतरा गले, अब SC/ST के खिलाफ बता हाईकोर्ट में दायर की याचिका

अंग्वाल न्यूज डेस्क
सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देना इस पार्टी के नहीं उतरा गले, अब SC/ST के खिलाफ बता हाईकोर्ट में दायर की याचिका

नई दिल्ली । लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र की मोदी सरकार के मास्टर स्टोक यानी सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण देने पर लोकसभा और राज्यसभा में अधिकांश राजनीतिक दलों ने सहमति जताई। हालांकि अब जब वह कानून का रूप ले चुका है अब डीएमके ने मद्रास हाइकोर्ट में इसके खिलाफ एक याचिका दाखिल की है। DMK ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए सवर्ण को 10 फीसदी आरक्षण को एससी-एसटी के खिलाफ बताया है। इस याचिका को डीएमके के संगठन सचिव आरएस भारती ने दायर किया है। अपनी याचिका में भारती ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून संविधान के खिलाफ है।

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डीएमके के संगठन सचिव आरएस भारती ने मद्रास हाईकोर्ट में दायर अपनी 22 पन्नों क याचिका में करीब 19 बिंदुओं में अपनी बात को रखा है। असल में केंद्र सरकार जब स बिल को लेकर संसद में आई थी तो डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने इसका विरोध किय था। उन्होंने इस बिल को सिरे से खारिज कर दिया था। उनके साथ डीएमके सांसद कनिमोझी ने भी इस बिल का विरोध किया था। इतना ही नहीं सदन में मतदान के समय उन्होंने सदन से वॉक आउट भी कर दिया था।

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इससे पहले दिल्ली के एक एनजीओ ने भी सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी। दिल्ली की इस एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दाखिल की है।


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