नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के बड़े नेता शिवपाल सिंह यादव का अपनी पार्टी से मोह भंग हो चुका है और उन्होंने कुछ समय पहले कांग्रेस में शामिल होने की बात कही थी लेकिन इस राह में उनके भतीजे और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रोड़ा बनकर खड़े हो गए हैं। ऐसे में उनकी यह इच्छा फिलहाल पूरी होती नहीं दिखाई दे रही है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भी शिवपाल को अपनी पार्टी में शामिल कर समाजवादी पार्टी से अपने रिश्ते खराब करने के मूड में नहीं दिख रही है।
गौरतलब है कि शिवपाल यादव के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर यूपी के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अभी जो शामिल हुए हैं, वही काफी हैं। बता दें कि कांग्रेस विपक्षी दलों को साथ लेकर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलना चाहती है। ऐसे में वह अखिलेश के साथ मिलकर आगे की राजनीति और मजबूत करना चाहती है। यही वजह है कि शिवपाल में बहुत ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।
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हालांकि अगर शिवपाल यादव कांग्रेस में शामिल होते हैं तो पार्टी को उन इलाकों में ही फायदा होगा जहां समाजवादी पार्टी के परंपरागत वोटर हैं ऐसे में समाजवादी पार्टी पर इसका उल्टा प्रभाव पड़ सकता है। वहीं देश के अन्य विपक्षी दलों में इसका खराब संदेश भी जाएगा। सबसे बड़ी बात यह है कि शिवपाल को समाजवादी पार्टी से कोई उम्मीद नहीं बची है और कांग्रेस भी फिलहाल उन्हें अपनी पार्टी में शामिल नहीं कर रही है तो ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि शिवपाल अब क्या फैसला करते हैं।